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________________ स्ववीर्य से ही केवलज्ञान प्राप्त करते हैं एवं अपने वीर्य से ही परम पद को प्राप्त करते है। प्रभु के ऐसे वचन सुनकर इंद्र बालतप से व्यंतर देव में उत्पन्न हुए प्रभु की मौसी के पुत्र सिद्धार्थ को आज्ञा दी कि तुझे प्रभु के पास ही रहना है और जो भी प्रभु को मारने आदि का उपसर्ग करे उसको रोकना है। ऐसा कहकर इंद्र स्वस्थान पर गये और सिद्धार्थ उनकी आज्ञा को शिरोधार्य करके प्रभु के पास ही रहा। (गा. 15 से 33) वीर प्रभु छट्ठ का पारणा करने के लिए कोल्लाक गांव में गये। वहाँ बहुल नाम के ब्राह्मण के घर परमान्न (खीर) का पारणा किया। उस ब्राह्मण के घर देवताओं ने वसुधारा आदि पाँच दिव्य प्रकट किये। (गा. 34 से 35) पश्चात् चंद्र जैसी शीतल लेश्या वाले सूर्य के समान तप के तेज से दुःख से देखे जा सके वैसे गजेन्द्र के सदृश बलवान, सुमेरु की भांति निश्चल, पृथ्वी की तरह सर्व स्पर्श को सहन करने वाले, समुद्र जैसे गंभीर, सिंह के समान निर्भय, घृतादि का हवन करे हुए अग्नि के सदृश मिथ्यादृष्टियों को अदृश्य, गेंडे के शृंग के समान एकाकी, बड़े सांढ के समान महाबलवान, कूर्म की भांति इंद्रियों का गोपन करने वाले, सर्प के सदृश एकांत दृष्टि स्थापक, शंख की तरह निरंजन, सुवर्ण की तरह जातरूप (निर्लेप), पक्षी की भांति मुक्त, जीव की तरह अस्खलित गति वाले, भारंड पक्षी की भांति अप्रमत्त, आकाश की तरह निराश्रय, कमल दल के सदृश लेप रहित, तथा शत्रु व मित्र, तृण और स्त्री, सुवर्ण तथा पाषाण, मणि और मृत्तिका, आलोक व परलोक, सुख और दुःख तथा संसार और मोक्ष में समान हृदय वाले, निष्कारण करुणालु मन के कारण भवसागर में डूबे हुए मुग्ध जगत् का उद्धार करने की इच्छावाले प्रभु, सागर मेखलावाली और विविध ग्राम पुर तथा अरण्यवाली इस पृथ्वी पर पवन की तरह अप्रतिबद्ध रूप से विहार करने लगे। (गा. 37 से 45) दीक्षा के साथ देवताओं ने प्रभु के शरीर पर जो सुगन्धित द्रव्यों का विलेपन किया था, उसकी सुगंध से आकर्षित होकर भ्रमरगण प्रभु को उपद्रव करने लगे। गाँव के तरुण पुरुष प्रभु से उस सुगंध की युक्ति मांगने लगे। तरुण त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित (दशम पर्व) 35
SR No.032102
Book TitleTrishashti Shalaka Purush Charit Part 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSurekhashreeji Sadhvi
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2014
Total Pages344
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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