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________________ गाथा विषय ११ वेद, कषाय, अने ज्ञान आ त्रण मार्गणाना उत्तर भेदोनी सङ्ख्या भने तेनु सविस्तर व्याख्यान १५०५२ १२ संयम अने दर्शन आ बे मार्गणाना उत्तर भेदोनी सङ्ख्या १५२ १२ संयममार्गणाना उत्तर भेदो पैको सामायिक अने छेदोपस्थापनीय चारित्रनु स्वरूप १५२-१५३ १२ छेदोपस्थापनीयचारित्रना बे भेद १२ संयममार्गणाना उत्तर भेदो पैकी परिहारविशुद्धिकचारित्रनी व्याख्या तथा तेना बे भेद अने तपस्या आदिना स्वरूपनी गाथाओ १५३-१५४ १२ परिहारविशुद्धिक चारित्रनी प्ररूपणा माटे क्षेत्रादि वीस द्वारो १५४ क्षेत्रद्वारमा परिहारविशुद्धिकचारित्री सरतादिक्षेत्रो पैकी कया क्षेत्रमा होय ? तेनु स्वरूप १५४ कालद्वारमा परिहारविशुद्धिक अवसर्पिण्यादिकाल पैकी कया कालमा होय? तेनु स्वरूप १५४-१५५ चारित्रद्वारमा परिहारविशुद्धिक सामायिकादि पांच चारित्र पैकी कया चारित्रमा होय ? तेनु स्वरूप । तीर्थद्वारमा परिहारविशुद्धिक तीर्थमां होय के अतीर्थमां होय ? तेनु स्वरूप १५५-१५६ पर्यायद्वारमा परिहारविशुद्धिकने गृहस्थ अने यतिपणानो जघन्य तथा उत्कृष्ट केटलो पर्याय होय ? तेनु स्वरूप आगमद्वारमा परिहारविशुद्धिक नवीन आगमनु अध्ययन करे के न करे ? तेनु स्वरूप वेदद्वारमा परिहारविशुद्विनी प्रवृत्ति वखते स्त्रीवेदादि पैकी कया वेदमां होय ? तेनु स्वरूप कन्पद्वारमा परिहारविशुद्धिक स्थित्कल्प अने अस्थितकल्प पैकी कया कल्पमा होय ? तेनु स्वरूप १५६-१५७ लिङ्गद्वारमा परिहारविशुद्धिक द्रव्यलिङ्ग अने मावलिङ्ग पैकी क्या लिङ्गमां होय तेनु स्वरूप लेण्याद्वारमा परिहारविशुद्धिकने कृष्णादि छ: लेश्या पैकी कई लेश्याओ होय ? तेनु स्वरूप ध्यानद्वारमा परिहारविशुद्धिकने आादि चार ध्यान पैकी कगं होय ? तेनु स्वरूप १५७-१५८ गणद्वारमा परिहारविशुद्धिकनी जघन्य अने उत्कृष्टथी गणसङ्ख्या अने पुरुषसङ्घया केटली होय ? तेनु स्वरूप अभिग्रहद्वारमा परिहारविशुद्धिकने द्रव्यादि चार अभिग्रह पैकी कोई पण अभिग्रह होय के न होय ? तेनु म्वरूप १५८-१५६ प्रव्रज्याद्वारमा परिहारविशुद्धिक कोई ने प्रव्रज्या आपे के न आपे ? तेनु स्वरूप १५१ मुण्डापनद्वारमा परिहारविशुद्धिक कोईने मुण्डे के न मुण्डे ? तेनु स्वरूप १५६ १५६
SR No.032086
Book TitleNavya Panch Karmgrantha Tatha Saptatika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendrasuri, Purvacharya, Malaygirisuri
PublisherBharatiya Prachya Tattva Prakashan Samiti
Publication Year1977
Total Pages602
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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