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रत्नसागर. ॥ ॥ पुष्कराईपूर्वनरते ॥॥धातकीखेमे पश्चिमनरते अतीत २४ जिन पंच अतीत २४ जिन पंच कल्याण कल्याणक०॥ ॥७॥ क नामः ॥ * ॥ १०॥ ॥प्रथम ॥
॥हितीय॥ ४ ॥ श्रीमृडु सर्वज्ञाय नमः॥ ४॥श्रीसर्वार्थ सर्वज्ञाय नमः॥ ६॥श्रीव्यक्त अर्हते नमः॥ ६॥ श्रीहरिनद्र अर्हते नमः॥.. ६॥ श्रीव्यक्त नाथाय नमः॥ ६॥श्रीहरिनद्र नाथाय नमः॥ .. ६॥श्रीव्यक्त सर्वज्ञाय नमः॥ ६॥श्रीहरिनद्र सर्वज्ञाय नमः॥ ७॥ श्रीकलाशत नाथाय नमः॥ ७॥श्रीमगधाधि नाथाय नमः॥ ॥ * ॥ पुष्कराई पूर्वनरते ॥8॥धातकीखेमे पश्चिमन्नरते वर्तमान २४ जिनपच वर्तमान २४ जिन पंच कल्या कल्याणक० ॥ ॥ ८॥ एक नामः॥ ॥ ११॥ २१॥ श्रीअरण्यवास सर्वज्ञाय नमः॥ २१॥ श्रीप्रयच सर्वज्ञाय नमः॥ १९॥श्री योगनाथ अर्हते नमः॥ १९॥श्री अदोन अर्हते नमः॥ १९॥श्री योगनाथ नाथाय नमः॥ १९॥श्री अदोन नाथाय नमः॥ १९॥श्री योगनाथ सर्वज्ञाय नमः॥ १९॥श्री अकोन सर्वज्ञाय नमः॥ १८॥श्री अयोग नाथाय नमः॥ १८॥श्री मान सिंह नाथाय नमः॥ ॥ ॥ पुष्कराई पूर्वनरते ॥ॐ॥धातकीखेमे पश्चिमतरते अनागत २४ जिन पंच ... अनागत २४ जिन पंच कल्याणक नामः॥ ॥९॥ कल्याणक०॥ ॥१२॥ ४॥ श्री परमसर्वज्ञाय नमः। ४॥श्री आदिकर सर्वज्ञाय नमः॥ ६॥श्री शुचार्ति अर्हते नमः॥ ६॥श्री धनद अर्हते नमः॥ . ६॥श्री शुघाति नाथाय नमः॥ ६॥श्री धनद नाथाय नमः॥ ६॥श्री शुषार्ति सर्वज्ञाय नमः॥ ६॥श्री धनद सर्वज्ञाय नमः॥ ७॥श्री निष्केश नाथाय नमः॥ ७॥श्री पौष नाथाय नमः।।