SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 17
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ विषय पृ.सं. 'विषय २६० २१८ २१६ २२० २२२ जिनमन्दिर निर्माणविधि जीर्णोद्धार जिनप्रतिमा प्रतिष्ठा अंजनशलाका ........ दीक्षा, पदवीप्रदान श्रुतज्ञान भक्ति पौषधशाला. भाव श्रावक के लक्षण श्रावक की ११ प्रतिमाएँ अन्तिम आराधना २६१ २६७ २७० २७१ २७१ तृतीय प्रकाश (२१६-२२८) • पर्वकृत्य पर्वदिन तिथि की प्रामाणिकता अहोरात्र पौषधविधि चतुर्थप्रकाश (२२६-२३४) • चातुर्मासिक कृत्य पंचम प्रकाश (२३५-२५०) • वार्षिक ग्यारह कृत्य छठा प्रकाश (२५१-२७८) • जन्मकृत्य निवासस्थान २७२ २२६ २७३ २७५ २७६ २३५ ग्रन्थकार की प्रशस्ति २७६ २५१ विद्याग्रहण विवाह २५१ २५७ २५८ परिशिष्ट [२८१- ] १. शुकराजा को वार्ता २. रत्नसार दृष्टान्त २८१ ३२७ * श्रावकधर्म-प्रतिपादक अन्य ग्रन्थों की सूची * ग्रन्थ ग्रन्थकर्ता श्रावकप्रज्ञप्ति : वाचकवर्य श्री उमास्वाति जी पंचाशक : श्री हरिभद्रसूरि जी धर्मबिन्दु : श्री हरिभद्रसूरि जी श्रावकधर्मविधि : श्री हरिभद्रसूरि जी उपदेशपद : श्री हरिभद्रसूरि जी धर्मरत्नप्रकरणम् : श्री शान्तिसूरि जी श्राद्धदिनकृत्य : श्री देवेन्द्रसूरि जी योगशास्त्र : श्री हेमचन्द्रसूरि जी त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र : श्री हेमचन्द्रसूरि जी धर्मविधिप्रकरणम् : श्रीप्रभ सूरि जी उपदेशसप्ततिका : श्री सौधर्म गणि श्राद्धगुण विवरण : श्री जिनमंडन गणि श्राद्धप्रतिक्रमण सूत्रवृत्ति : श्री रत्नशेखर सूरि जी प्राचारोपदेश : श्री चारित्र गणि धर्मसंग्रह : उपाध्यायश्री मान विजय जी गणि उपदेशप्रसाद : श्री लक्ष्मीसूरि जी
SR No.032039
Book TitleShravak Jivan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnasensuri
PublisherMehta Rikhabdas Amichandji
Publication Year2012
Total Pages382
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy