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________________ अभिनय प्राकृत-व्याकरण २९५ ३०३ ३०३ ____ लिब्भ : रूपावली प्रेरणार्थक - हस : रूपावली कर (कृ): , २९८ ढक्क ( छदू): " हो ( भू): ३०१ कुछ क्रियाओं के प्रेरणार्थक रूपों का संकेत कर्मणि और भाव में प्रेरकरूप प्रेरक भाव और कर्मणि-हास, हसावि : रूपावली साम, खमावि (क्षम् ): ३०५ पिवास ( पा): खन्नन्त-लिच्छ (लभ ): ३०९ जुगुच्छ (गुप् ): ३०९ बुहुक्ख ( भुज): ३१० सुस्सूस (श्रु): यङन्त : विश्लेषण और उदाहरण यङलुगन्त : विश्लेषण और उदाहरण ३१२ नाम धातु बनाने के नियम और उदाहरण कृत् प्रत्यय वर्तमान कृयन्त ; प्रत्यय और उदाहरण भावि वर्तमान कृदन्त ,, " कर्मणि वर्तमान कृदन्त , , कर्तरि प्रेरक, प्रेरक भावि और प्रेरक कर्मणि वर्तमान कृदन्त : प्रत्यय और उदाहरण. ३१.८ भूतकृदन्त : प्रत्यय और उदाहरण . ३२० प्रेरणार्थक, अनियमित भूत कृदन्त भविष्यत्कृदन्त ३२३ हेत्वर्थ कृत् : प्रत्यय और उदाहरण ३२३. प्रेरणार्थक हेतु कृदन्त : प्रत्यय और उदाहरण अनियमित हेत्वर्थ कृदन्त : " " ३२४ सम्बन्ध भूत कृदन्त : " " ३२५ प्रेरणार्थक सम्बन्ध सूचक कृदन्त : प्रत्यय और उदाहरण ३२६ अनियमित सम्बन्धक भूत कृदन्त : " .. Mmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmm ३१३ س س س س w .m 6
SR No.032038
Book TitleAbhinav Prakrit Vyakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorN C Shastri
PublisherTara Publications
Publication Year1963
Total Pages566
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size28 MB
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