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श्रीवितरागायनमः।
श्रीउपकेश (कवला) गच्छके मुनिश्री ज्ञानसुंदर विरचित
प्रश्नमालास्तवन।
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छपावी प्रसिद्ध करनार,
जैन पाठशाला-फलोदी.
प्रथम भावृती १०००
बीर संवत् २४४२
विक्रम संवत् १९७३
भावनगर-"धी विद्या विजय " मुद्रालयमें शाह
पुरुषोत्तमदास गीगाभाई पांचभायासें मुद्रित.
कीमत ०-१-०