SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 304
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आत्मा अकर्ता - अभोक्ता २६७ जो आत्मा देते हैं वह निर्लेप और असंग ही देते हैं। कोई कहे कि स्त्रियों के साथ रहते हुए आत्मा कैसे असंग रह सकता हैं ? तब हम कहते हैं कि 'आत्मा बिल्कुल सूक्ष्म है! और ये जो विषय है, वे स्थूल स्वभाव के हैं ! दोनों का कभी-भी मेल हुआ ही नहीं।' यह बात ज्ञानीपुरुष जानते हैं और तीर्थंकर भी जानते हैं। लेकिन तीर्थंकर स्पष्ट रूप से बताते नहीं हैं। क्योंकि तीर्थंकर यदि स्पष्ट कह दें तो लोग उसका दुरुपयोग करेंगे। तीर्थंकर विवरण नहीं करते। हम विवरण कर लेते हैं, वह भी गुप्त रूप से, कुछ ही लोगों के लिए, वर्ना फिर उसका दुरुपयोग होने लगेगा कि आत्मा तो सूक्ष्म स्वभाव का है और विषय का और आत्मा का कोई लेना-देना है ही नहीं, इसलिए अब कोई हर्ज नहीं है। और हर्ज नहीं है कहा कि भूत घुस जाएगा! कर्मों के दबाव से यह क्रिया होती रहती है। उसमें भी यह क्रिया स्थूल है, आप सूक्ष्म हो। लेकिन यदि यह ज्ञान आपके मन में रहे कि आत्मा को तो कुछ छूता ही नहीं है, तो हर्ज नहीं है। तो वह उल्टा कर देगा। इसलिए हम ऐसा बताते ही नहीं कि आत्मा सूक्ष्म-स्वभावी है। हम तो ऐसा कहते हैं कि विषयों से डरो। विषय, वे विष नहीं हैं लेकिन विषय में निडरता वही विष है। निडरता यानी क्या कि अब मुझे कोई हर्ज नहीं है। लेकिन संपूर्ण ज्ञानी होने के बाद और संपूर्ण अनुभवज्ञान होने के बाद ही ऐसा कह सकते हैं कि आत्मा को कुछ स्पर्श नहीं करता। यह अन्य सबकुछ तो हम आपको स्पष्ट करने के लिए समझाते हैं। सावधान! न हो जाए कहीं दुरुपयोग प्रश्नकर्ता : यदि निडरता आ जाए तो फिर स्वच्छंदता आ जाती है न? दादाश्री : स्वच्छंदता आए, उसी क्षण मार खिला देती है। इसीलिए हम यह बताते नहीं हैं। वर्ना इन जवान लड़कों में उल्टा हो जाएगा। यह तो आप जैसे जो कि किनारे पर आ गए हैं, उनसे यह बात करते हैं। जवान लोग तो वापस कुछ उल्टा पकाएँगे! लेकिन वे यदि 'यथार्थ ज्ञान' समझें
SR No.030110
Book TitleSamaz se Prapta Bramhacharya Uttararddh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year2013
Total Pages326
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy