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________________ 'फाइल' के सामने सख़्ती (खं - 2-९) है। अगर वह तोड़ नहीं सके तो उसका फ्रैक्चर कर देना पड़ता है, वहाँ वहेम डाल देना पड़ता है। २२९ प्रश्नकर्ता : कोई एक जन फ्रैक्चर करे, लेकिन सामनेवाला नहीं करने देता उसे । दादाश्री : सामनेवाले का ही फ्रैक्चर करना है। खुद का फ्रैक्चर नहीं करना है। सामनेवाला ही चिढ़ जाए कि बल्कि यह तो खराब निकला, बनावटी । प्रश्नकर्ता 40 सामनेवाले को ऐसा लगना चाहिए कि इसने बनावट की। दादाश्री : अगर ऐसा रह कि 'यह टेढ़ा ही है' तो दिनोंदिन उसके अभिप्राय टूटते ही जाएँगे। बाद में कुछ और ऐसी-वैसी सुना दे, तब तुम्हें छूटना हो तो छूटा जा सकेगा। प्रश्नकर्ता : यदि खुद का ही पूरी तरह से फ्रैक्चर नहीं हुआ हो तो ? खुद का मन पूरी तरह फ्रैक्चर नहीं हुआ हो तो ? दादाश्री : तो फिर कौन मना कर रहा है ? तो फिर यह समुद्र नहीं है ? डूब जाएगा । प्रश्नकर्ता : पहले खुद का फ्रैक्चर हो जाना चाहिए न? दादाश्री : खुद का करने की ज़रूरत नहीं है। पहले सामनेवाले का फ्रैक्चर कर देना, पूरा। बाद में जब तुम्हें खुद का करना होगा, तब हो सकेगा ! जिसे यह करना है, उसका ! पहले खुद का तो होगा ही नहीं न! प्रश्नकर्ता : जब तक सामनेवाले का आकर्षण है, तब तक खुद का पहले नहीं हो सकता, ऐसा है ? दादाश्री : कभी भी नहीं हो सकता । यदि सामनेवाला गाली देना शुरू कर दे तो हमें जब छोड़ना हो तब छूट सकेंगे।
SR No.030109
Book TitleSamaz se Prapta Bramhacharya Purvardh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year2014
Total Pages482
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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