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________________ समझ प्राप्त ब्रह्मचर्य (पू) शुद्धात्मा देखो, रियल और रिलेटिव देखो तो सबकुछ रेग्युलर । ब्रह्मचर्य का पालन आधी जिंदगी तक करोगे या फिर शादी कर लोगे?! बाद में तो शादी कर ही नहीं सकते। और बाद में तो शादी का विचार तक नहीं आना चाहिए। वह विचार भी गुनाह है। मैं कहता हूँ कि कोई किसी की नकल मत करना। अरे, ज़रा सोचो तो सही । यह कोई नकल करने जैसी चीज़ नहीं है। इससे अच्छा शादी कर ले न! शादी करने से कहीं मोक्ष खो नहीं जाएगा। दूसरे धर्मों में तो शादी करने से मोक्ष खो देता है । शादी नहीं करने से भी कहीं मोक्ष नहीं मिल जाता और शादी करने से भी मोक्ष नहीं मिलता। अनंत जन्मों से साधु बने हैं, फिर भी मोक्ष नहीं हुआ। वह ब्रह्मचर्य का पालन कर रहा है, इसलिए मुझे भी वैसा ही करना चाहिए। ऐसा सब मत करना। इसमें ऐसा नहीं चलेगा। खुद को बहुत अच्छी तरह परख लेना चाहिए। हमने कुछ लड़कों को परखकर देखा है, उन्हें तो स्त्री की बात कहते ही वे घबरा जाते हैं। शादी की बात करने से पहले ही उन्हें घबराहट हो जाती है। इसलिए फिर हम समझ गए कि इनके उदय में स्त्री है ही नहीं । ५६ यह ब्रह्मचर्य का जो पकड़ा है, वह बहुत अच्छा किया है लेकिन जोश में आकर पकड़ो, वैसा मत पकड़ना। पकड़ो तो समझकर पकड़ना। अब यदि कुसंग में गया तो अंदर तुरंत दही बन जाएगा। जिस दूध से चाय बनानी है, वह दूध फट जाएगा । अंदर दही डाले बिना पूरी रात पिंजरे में दूध और दही साथसाथ रखा हो तो सुबह दूध फट जाएगा या नहीं? ऐसा होता है या नहीं? इतने असरवाला यह जगत् है। दही डाले बिना फट जाता है। इसलिए बहुत स्ट्रोंग रहना । इस ब्रह्मचर्य की लाइन में सुख भी बेहद है। बेहद सुख आपको मिलता रहेगा लेकिन यदि उसमें ज़रा भी उलझ गए और फिसल गए तो मार भी उतनी ही पड़ेगी। इसलिए हम आपको सावधान कर रहे हैं । विषय तो
SR No.030109
Book TitleSamaz se Prapta Bramhacharya Purvardh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year2014
Total Pages482
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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