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दादाश्री : क्या क्या My' है आपके पास? प्रश्नकर्ता : मेरा घर और घर की सभी चीजें। दादाश्री : सभी आपकी कहलाए? और वाइफ किसकी कहलाए ? प्रश्नकर्ता : वह भी मेरी। दादाश्री : और बच्चे किसके? प्रश्नकर्ता : वे भी मेरे। दादाश्री : और यह घड़ी किसकी? प्रश्नकर्ता : वह भी मेरी। दादाश्री : और ये हाथ किसके? प्रश्नकर्ता : हाथ भी मेरे हैं।
दादाश्री : फिर 'मेरा सिर, मेरा शरीर, मेरे पैर, मेरे कान, मेरी आँखें' ऐसा कहेंगे। इस शरीर की सभी वस्तुओं को 'मेरा' कहते हैं, तब 'मेरा' कहनेवाले 'आप' कौन हैं? यह नहीं सोचा? My' नेम इज़ चंदूभाई' ऐसा बोलें और फिर कहें 'मैं चंदूभाई हूँ', इसमें कोई विरोधाभास नहीं लगता?
प्रश्नकर्ता : लगता है।
दादाश्री : आप चंदूभाई हैं, लेकिन इसमें 'I' एन्ड 'My' दो हैं। यह 'I' एन्ड 'My' की दो रेल्वेलाइन अलग ही होती हैं। पैरेलल ही रहती हैं, कभी एकाकार होती ही नहीं हैं। फिर भी आप एकाकार मानते हैं, इसे समझकर इसमें से 'My' को सेपरेट कर दीजिए। आपमें जो 'My' है, उसे एक ओर रखिये। 'My' हार्ट, तो उसे एक ओर रखें। इस शरीर में से और क्या-क्या सेपरेट करना होगा?
प्रश्नकर्ता : पैर, इन्द्रियाँ।
दादाश्री : हाँ, सभी। पाँच इन्द्रियाँ, पाँच कर्मेन्द्रियाँ मन-बुद्धि-चित्तअहंकार सभी।