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________________ प्रश्नकर्ता : डाउन हो जाएगा । दादाश्री : हाँ, ऐसा ही इसमें भी है। ज्ञान ले आए तो फिर उस पर पानी छिड़कना पड़ेगा, तो पौधा बड़ा होगा। छोटा पौधा होता है न, उस पर भी पानी छिड़कना पड़ता है । तो कभी - कभी महीने दो महीने में ज़रा पानी छिड़कना चाहिए । प्रश्नकर्ता : घर पर छिड़कते हैं न। दादाश्री : नहीं, लेकिन घर पर हो ऐसा नहीं चलेगा। ऐसा तो चलता होगा? आमने-सामने। जब ज्ञानी यहाँ पर आएँ हों और आपको उसकी कीमत ही न हो... स्कूल गए थे या नहीं? कितने सालों तक गए थे? प्रश्नकर्ता: दस साल । दादाश्री : तो क्या सीखा वहाँ ? भाषा ! इस अंग्रेजी भाषा के लिए दस साल निकाले तो यहाँ मेरे पास तो छः महीने कहता हूँ । छ: महीने अगर मेरे पीछे घूमोगे न तो काम हो जाएगा। निश्चय स्ट्रोंग तो अंतराय ब्रेक प्रश्नकर्ता : बाहर के प्रोग्राम बन गए हैं, इसलिए आने में परेशानी होगी। दादाश्री : वह तो यदि आपका भाव स्ट्रोंग होगा तो वह टूट जाएगा। अंदर अपना भाव स्ट्रोंग है या ढीला है वह देख लेना है। गारन्टी सत्संग से, संसार के मुनाफे की मेरे यहाँ सभी व्यापारी आते हैं न, और वे भी ऐसे जो यदि दुकान पर एक घंटे देरी से जाएँ तो पाँचसौ हज़ार रुपये का नुकसान हो जाए ऐसे । उनसे मैंने कहा, ‘यहाँ पर आओगे उतने समय पर नुकसान नहीं होगा और यदि बीच रास्ते में आधे घंटे किसी दुकान में खड़े रहोगे तो आपको नुकसान होगा। यहाँ पर आओगे तो जोखिमदारी मेरी क्योंकि इसमें मुझे कोई लेना २६
SR No.030102
Book TitleAatmsakshatkar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year2013
Total Pages60
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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