SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 43
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ क्या नुकसान होता है, लेकिन पुलिस एक्शन नहीं लेना चाहिए, समझाना चाहिए। हम किसी को बहुत ही आग्रह करके भोजन करवाएँ तो उससे क्या पॉज़िटिव अंतराय पड़ते हैं? नहीं! उससे तो बल्कि अंतराय टूटते हैं। अगर पशु अपने खेत को रौंद रहे हों तो उन्हें हाँककर निकाल देने से क्या अंतराय पड़ते हैं? नहीं पड़ते। वास्तव में अंतराय का मतलब क्या है? कोई दान दे रहा हो और उसे रोके कि 'यहाँ पर मत देना, ठगा जाएगा, तो वह खुद की अक्ल लड़ाता है कि 'देखो मैंने इसे कैसे समझा दिया। मैं अक्लमंद हूँ और यह कम अक़्ल।' इससे अंतराय पड़ते हैं। अंतरायवाले को तो उसके खुद के उधार दिये हुए पैसे भी वापस नहीं मिलते, बरसों तक चक्कर लगाते रहने पड़ते हैं। दादाश्री निरंतराय पद में थे। सोचने से पहले ही चीजें हाज़िर! इलाज करवाने से क्या बीमारी पर अंतराय आता है? दवाई लेने से अंतराय नहीं आते, लेकिन अगर दवाई के बारे में सोचें तो वह अंतराय है। डॉक्टर खराब है, वैद्य अच्छा है, उससे अंतराय है। ऐसा सोचा, वे सभी अंतराय हैं। इसे 'देखते' रहना, वही पुरूषार्थ है! प्रकृति के आगे अंतराय नहीं डालने चाहिए। ऐसा करना है या नहीं करना,' ऐसा कहा कि अंतराय पड़े। उसे अहंकार कहते हैं। प्रकृति क्या कर रही है उसे 'देखते' रहना है। सिर्फ एक ही पुद्गल को देखते रहना है। दादाश्री को कान से कम सुनाई देता था। उसका रहस्य बताते हुए वे कहते थे, 'पिछले जन्म में हमें सही आदमी सही बात कहने आए तो हम उसकी सुनते नहीं थे और हट-हट कर देते थे। अहंकार किया। गलत व्यक्ति की गलत बात भी शांति से सुननी चाहिए। उसके बजाय हट हट किया, उससे सुनने के अंतराय पड़ गए और फल स्वरूप आया बहरापन।' यदि हियरिंग एड (सुनने की मशीन) लगवा दें तो अंतराय पूरी तरह से खत्म नहीं होंगे। इसलिए उन्होंने वह नहीं लगवाई। 42
SR No.030023
Book TitleAptavani Shreni 13 Purvarddh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year2015
Total Pages518
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy