SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 418
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [२.१४] द्रव्यकर्म + भावकर्म + नोकर्म ३२५ और भाव में से द्रव्य। बीज में से बड़ और बड़ में से बीज। अब भावकर्म वह खुद' करता है। द्रव्यकर्म खुद नहीं करता है। द्रव्यकर्म उसका परिणाम है, रिज़ल्ट है। यह द्रव्यकर्म अर्थात् भावकर्म का परिणाम। परीक्षा का कर्ता वह है, लेकिन क्या वह रिज़ल्ट का कर्ता हो सकता है? प्रश्नकर्ता : वास्तव में कर्ता तो भावकर्म है न? दादाश्री : हाँ, लेकिन वह भी नैमित्तिक। वास्तव में नहीं, एक्जेक्ट नहीं। एक्जेक्ट होता तो यों घुमा देते कि वे तुरंत मोक्ष में ले जाते। पिछले दबाव की वजह से एकदम सुख में रहता है, इसलिए सुख के दबाव से सभी भावकर्म सुखवाले ही बंधते हैं। पुण्य के अच्छे विचार मिलें और दुःख का दबाव हो तब पाप के विचार आते हैं। भाव नहीं करने हों फिर भी हो जाते हैं। अतः भावकर्म अपनी सत्ता में नहीं है। प्रश्नकर्ता : आपने ऐसा कहा था कि 'इस भावकर्म को इस वर्ल्ड में एक भी व्यक्ति समझ नहीं सका है और अगर कोई समझा हो तो मैं उनके पैर छूऊँ।' दादाश्री : लेकिन कोई कैसे समझेगा! भावकर्म को समझना क्या ऐसी-वैसी बात है? भावकर्म को समझने का मतलब है भाव को बंद कर देना। अगर इतना समझ जाए तो भाव को बंद ही कर दे इंसान। ये सब तो अपनी-अपनी भाषा में समझ गए हैं भावकर्म को। आँख पर जो पट्टी है अगर वह समझ में आ जाए तो उससे भावकर्म समझ में आ सकते हैं। बदली मात्र 'दृष्टि' ही लेकिन ये द्रव्यकर्म हैं, इस कारण से ये भावकर्म हो जाते हैं। ये न हों तो भावकर्म नहीं होंगे। अब भावकर्म जो हैं, वे चार्ज कर्म हैं। पिछले जन्म में जो भावकर्म किए थे, वे इस जन्म में उनके हमें नोकर्म के रूप में फल भोगने पड़ते हैं, डिस्चार्ज के रूप में। नोकर्म की बहुत क़ीमत नहीं है, क़ीमत भावकर्म की है। जो डिस्चार्ज कर्म हैं, वे सभी नोकर्म हैं और उनमें से जो कॉज़ेज़ उत्पन्न होते हैं वे भावकर्म हैं, जो चार्ज होते हैं। लेकिन यह इन द्रव्यकर्मों के निमित्त से ही है। अब जो है, इन द्रव्यकर्मों में हमने
SR No.030023
Book TitleAptavani Shreni 13 Purvarddh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year2015
Total Pages518
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy