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________________ आप्तवाणी-८ ४५ प्रश्नकर्ता : तो फिर चार्ज होने में इलेक्ट्रिकल बॉडी काम करती होगी न? दादाश्री : इलेक्ट्रिकल बॉडी हो तभी चार्ज होता है, वर्ना यदि यह इलेक्ट्रिकल बॉडी नहीं होगी तो यह कुछ भी चलेगा ही नहीं । इलेक्ट्रिकल बॉडी हो और आत्मा नहीं हो, तब भी कुछ नहीं चलेगा । ये सब समुच्चय कॉज़ेज़ हैं। प्रश्नकर्ता : जब जीव मर जाता है, तब तैजस शरीर किस तरह से उसके साथ में जाता है ? दादाश्री : तैजस शरीर कब तक रहता है? कर्म की सिल्लक हो तब तक। कर्म की सिल्लक खत्म हो गई कि तैजस शरीर (साथ में) नहीं आता। अर्थात् वह इस पूरे भवपर्यंत ठेठ तक रहता है। हर एक जीव मात्र में, पेड़ में, सभी में तैजस शरीर होता है, यह तैजस शरीर नहीं हो तो उसकी गाड़ी किस तरह चलेगी? तैजस शरीर को अंग्रेज़ी में कहना हो तो इलेक्ट्रिकल बॉडी कह सकते हैं । और 'इलेक्ट्रिसिटी' के बिना तो घर में चल ही नहीं सकेगा और आँखों से दिखेगा भी नहीं । 'इलेक्ट्रिसिटी' बंद हो गई कि हो चुका, सबकुछ खत्म हो जाएगा ! ऐसा है न, इस पानी के नीचे अगर स्टोव जलाओ, तो एक सेर पानी होगा, फिर भी खत्म हो जाएगा न? प्रश्नकर्ता : हाँ। दादाश्री : यह पानी, वह स्थूल स्वरूप है और जो उड़ जाता है, वह सूक्ष्म स्वरूप है। उसी प्रकार यह देह जो स्थूल स्वरूप है, वह हमें दिखती है, और वह सूक्ष्म स्वरूप हमें दिखता नहीं है । परन्तु वह सूक्ष्म शरीर भी इसके जैसा ही होता है, अन्य कोई फ़र्क़ है ही नहीं । सूक्ष्म शरीर का मतलब ही इलेक्ट्रिकल बॉडी है । प्रश्नकर्ता : लेकिन जिस समय जीव जाता है, उस समय कार्मण शरीर और तैजस शरीर उसके साथ में किस तरह से जाते हैं? अन्य कुछ साथ में क्यों नहीं जाता ?
SR No.030019
Book TitleAptavani Shreni 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year2012
Total Pages368
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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