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________________ आप्तवाणी-८ है क्या? वह तो जब यहाँ रूपक में आएगा, जब बनकर तैयार हो जाएगा तब पानी रुकेगा। बाकी योजना में, नक्शे पर पूरा-पूरा ही होता है, बांध वगैरह सभी कुछ होता है, परंतु नक्शे पर । उसी तरह ये सभी कर्म जब योजना के रूप में हो जाते हैं, तब उन्हें कॉज़ेज़ कहा जाता है। और फिर वे ही कॉज़ेज़ जब रूपक में आते हैं, तब इफेक्ट कहलाते हैं । लेकिन वे दूसरे जन्म में रूपक में आते हैं, यानी कि पिछले जन्म के कर्म आप इस जन्म में भोगते हो, और इन जन्म के कर्म वापस अगले जन्म में भोगोगे । परन्तु वह योजना के रूप में किए गए वे कर्म अगले जन्म में भोगे जाते हैं। ३४ अभी आपकी इच्छा नहीं होती, तो भी कर्म हो जाता है, ऐसा होता है या नहीं होता? प्रश्नकर्ता : हो जाता है । दादाश्री : इसका क्या कारण है? कि जो योजना के रूप में तैयार हो चुका है, वही आज रुपक में आया है, यानी यदि आज ही कर रहे होते तो बदला जा सकता था। लेकिन यह तो बदलता नहीं है, ऐसा होता है न? ऐसा देखने में आता है न? आयोजन पूर्वजन्म का, रूपक इस जन्म में प्रश्नकर्ता : तो फिर किस्मत जैसी कोई चीज़ है क्या ? दादाश्री : किस्मत ही प्रारब्ध है, पूर्वजन्म का लाया हुआ माल, उसीका अभी उपयोग होता है। प्रश्नकर्ता : तो फिर पिछले जन्म में किए हुए पाप का फल इस जन्म में मिलता है या पिछले जन्म में ही मिल गया होगा ? दादाश्री : नहीं। पिछले जन्म के पापों का फल इस जन्म में ही मिलता है। ऐसा है, पिछले जन्म में जो पाप हो चुके हैं न, वे आयोजन के रूप में हुए थे। जैसे अपने यहाँ नर्मदा नदी पर बांध बननेवाला हो तो पहले क्या करते हैं? नक्शा तैयार करते हैं न? उसी तरह पहले आयोजन
SR No.030019
Book TitleAptavani Shreni 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year2012
Total Pages368
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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