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________________ ३० आप्तवाणी-८ ऐसे हैं नियम कुदरत के प्रश्नकर्ता : क्या मृत्यु के बाद हर एक जीव का जन्म होता है? दादाश्री : किसी भी जीव का मृत्यु के बाद जन्म होता ही है। मृत्यु के बाद कोई ही, जो 'ज्ञानीपुरुष' होते हैं और जिन्हें प्रवृत्ति में भी निवृत्ति रहती है, उनके लिए मुक्ति है। प्रश्नकर्ता : मुक्ति के बाद जन्म है न? दादाश्री : नहीं। मुक्ति के बाद जन्म नहीं है। प्रश्नकर्ता : और मृत्यु के बाद? दादाश्री : मृत्यु के बाद हर एक जीव का जन्म अवश्य होता ही प्रश्नकर्ता : मृत्यु के बाद वही का वही जीव जन्म लेता है या दूसरा जीव जन्म लेता है? दादाश्री : वही का वही जीव जन्म लेता है। प्रश्नकर्ता : तो फिर जनसंख्या क्यों बढ़ रही है? दादाश्री : वह तो बढ़ जाती है, फिर वापस घट भी जाती है। कमज़्यादा होना उसका नियम ही है। यह दुनिया तो कैसी है कि वर्धमानहीयमान, वर्धमान-हीयमान होती ही रहती है! अब जनसंख्या वापस कम हो जाएगी। प्रश्नकर्ता : वे जीव वापस जीएँगे न? दादाश्री : वे जीव क्या जीने के बाद मर जाएँगे? वे सभी जानवर में जाएँगे, थे वहीं के वहीं गए वापस! जहाँ से आए थे, वहीं वापस गए। मृत्यु के बाद आत्मा, कोई देवगति में जानेवाला हो तो देवगति में चला जाता है, कोई नर्कगति में जानेवाला हो तो नर्कगति में जाता है। कोई जानवरगति में जाता है और कोई मनुष्यगति में जानेवाला हो तो मनुष्यगति
SR No.030019
Book TitleAptavani Shreni 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year2012
Total Pages368
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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