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________________ ‘रियल आत्मा' और 'रिलेटिव आत्मा', वे क्रमशः शाश्वत् और अशाश्वत् गुणों से परखे जा सकते हैं । जब तक 'रियल' का 'रियलाइज़ेशन' नहीं होता, तब तक 'रिलेटिव आत्मा' को ही 'रियल आत्मा' मानते हैं, भ्राँति के कारण ! यह भ्राँति वैज्ञानिक कारणों से ही उत्पन्न होती है । भ्राँति से जाननेवाला और करनेवाला, अविनाशी और विनाशी एक ही रूप में बरतते हैं। जब ‘ज्ञानीपुरुष' भ्राँति तोड़ दें और 'रियल' और 'रिलेटिव' के बीच में 'लाइन ऑफ डिमार्केशन' डाल दें, तब आत्मदर्शन जो की गुप्तस्वरूप है, जिसके अलावा जगत् में अन्य कोई अद्भुत दर्शन नहीं है, वह प्राप्त होता है! फिर तो खुद क्षेत्रज्ञ बनकर परक्षेत्र की प्रत्येक क्रिया को जानता है। स्वक्षेत्र चूके कि क्षेत्राकार हो गए ! जो 'परमानेन्ट' होता है, वही टेम्परेरी को टेम्परेरी कह सकता है, खुद 'परमानेन्ट' ही है, परन्तु उसका भान हो जाए तब ! हर एक का व्यक्तित्व अलग दिखने का कारण यह है कि प्रत्येक व्यक्ति द्रव्य-क्षेत्र-काल और भाव के अधीन है ! परन्तु जब इसमें क्षेत्र बदलता है, एक ही क्षेत्र में दूसरा आ जाए तब काल बदल चुका होता है, उसके आधार पर भाव बदल चुका होता है, इसलिए द्रव्य भी बदल चुका होता है ! बाहर के सभी संयोग बदलते रहने के बावजूद आत्मा के स्वरूप में कुछ भी बदलाव नहीं होता । आत्मा तीनों काल में शुद्ध स्वरूप में ही रहता है, मात्र आवरण के कारण वास्तविकता दृष्टि में आने से रुक जाती है। एक बार दृष्टि शुद्ध हो जाने के बाद अशुद्धि के लिए स्थान नहीं रहता, जब तक अहंकार है, तभी तक उल्टी दृष्टि रहने का कारण है। फिर भी इन सभी परिवर्तनों के समय निश्चय आत्मा उदासीनभाव से, शुद्धत्व में ही रहता है और उसके पर्याय भी शुद्ध हैं । व्यवहार आत्मा को शुद्ध या अशुद्ध पर्याय हैं। व्यवहार सत्य का आग्रह रखने से, फिर से व्यवहार आत्मा उत्पन्न होता है। 'ज्ञानी' नहीं मिलें तो बिगड़े हुए व्यवहार को शुभ करना चाहिए और ज्ञानी मिल जाएँ तो व्यवहार को शुद्ध ही कर लेना चाहिए! 'खुद' व्यवहार में रहे तो 'व्यवहार आत्मा' और 'खुद' 'निश्चय' में रहे तो ‘निश्चय आत्मा' ! परन्तु मूल सभी में 'खुद' और सिर्फ 'खुद' ही है। I २९
SR No.030019
Book TitleAptavani Shreni 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year2012
Total Pages368
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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