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________________ आप्तवाणी-७ पर है? रेसकोर्स में जो प्रथम आया, उसमें किसका नाम है? यानी कि सभी धोड़े दौड़ते रहते हैं और हाँफ-हाँफकर मर गए लेकिन पहला नंबर किसी का भी नहीं लगता। और इस दुनिया में भी किसी का पहला नंबर नहीं लगा। ये तो बिना बात की दौड़ में पड़े हुए हैं! वे हाँफ-हाँफकर मर जाएँगे! और इनाम तो एक को ही मिलेगा! इसलिए इस दौड़ में पड़ने जैसा नहीं है। हमें हमारी ओर से शांतिपूर्वक काम करते जाना है। अपने सभी फ़र्जे पूरे करने हैं, लेकिन इस रेसकोर्स में पड़ने जैसा नहीं है। आपको इस रेसकोर्स में उतरना है? प्रश्नकर्ता : जीवन में आए हैं तो रेसकोर्स में उतरना ही पड़ेगा न? दादाश्री : तो दौड़ो, कौन मना करता है? जितना दौड़ा जा सके उतना दौड़ो! लेकिन हम आप से कह देते हैं कि फ़र्ज़ सही तरह से पूरे करना और शांतिपूर्वक पूरे करना। रात को ग्यारह बजे हम सब जगह पता लगाने जाएँ कि लोग सो गए हैं या नहीं सो गए? तब अगर पता चले कि लोग सो गए हैं तो आप भी ओढ़कर सो जाना और दौड़ना बंद कर देना। लोग सो गए हों और हम अकेले-अकेले बिना काम के भाग-दौड़ करते रहें, वह कैसा? यह क्या है? लोभ नाम का जो गुण है, वह सताता है। ...तो, आत्मा की भजना कब? आपको रात-दिन लक्ष्मी के स्वप्न आते हैं? प्रश्नकर्ता : स्वप्न नहीं आता लेकिन उस स्वप्न की इच्छा ज़रूर रखता हूँ। दादाश्री : तो कोई तकलीफ में हो और आपके पास सौ रुपये माँगने आए, तब आपकी क्या दशा होगी? हाय बाप, कम हो जाएँगे तो? ऐसा हो जाता है? कम करने के लिए ही तो ये रुपये हैं। ये कहीं साथ में नहीं ले जाने हैं। यदि साथ में
SR No.030018
Book TitleAptavani Shreni 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year2013
Total Pages350
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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