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________________ [२] लक्ष्मी की चिंतना लक्ष्मी की दौड़ में, हम तो नहीं हैं न? दुनिया का कानून ऐसा है कि हिन्दुस्तान में जो बगैर बरकत के मनुष्य जन्म लेते हैं उनके वहाँ लक्ष्मी बढ़ती जाती है और जो बरकतवाला हो उसके पास रुपये नहीं आने देती। यानी यह तो बगैर बरकतवाले लोगों के यहाँ लक्ष्मी इकट्ठी हुई है और टेबल पर भोजन मिलता है। कैसे खाना-पीना चाहिए, सिर्फ वही नहीं आता। प्रश्नकर्ता : जिसे प्राप्त हो चुका है, वह अधिक पाने के लिए और जिसे प्राप्त नहीं हुआ है, वह प्राप्त करने के लिए व्यग्र क्यों रहते हैं? दादाश्री : क्या प्राप्त करने की बात है इसमें? प्रश्नकर्ता : यह आर्थिक बात है । भौतिक बात है । जिन्हें भौतिक की प्राप्ति हो चुकी है, उन्हें अधिक प्राप्त करने की व्यग्रता रहती है और जिन्हें प्राप्ति नहीं हुई है, वे प्राप्त करने के लिए व्यग्र रहते हैं, वह किसलिए? दादाश्री : लोगों को रेसकोर्स में उतरना है। रेसकोर्स में जो घोड़े दौड़ते हैं, उनमें से कौन-से घोड़े को इनाम मिलता है? प्रश्नकर्ता : पहले घोड़े को । दादाश्री : तो आपके शहर में कौन सा घोड़ा पहले नंबर
SR No.030018
Book TitleAptavani Shreni 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year2013
Total Pages350
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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