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राहबर मिटाए भव की भटकन ११२ वज्रलेपम् भविष्यति । ११५ आत्मसुख की अनुभूति ११२ भगवान स्वरूप, कब? ११६ छूटे देहाध्यास, वहाँ... ११३ आत्मा मोक्षस्वरूप, तो मोक्ष ११७ देह और आत्मा का भिन्नत्व ११३ किसका? ...वहाँ पर है सच्चा ज्ञान ११४ ब्रह्म और परब्रह्म की पहचान ११८
__ [८] सूझ, उदासीनता सूझ, समसरण मार्ग की देन १२० उदासीनता किसे कहते हैं? १२२
[९] प्रतिष्ठित आत्माःशुद्धात्मा जगत् का अधिष्ठान क्या है? १२५ व्यवहार आत्माः निश्चय आत्मा १२६ ज्ञानी' कौन? दादा भगवान' कौन?१२९
[१०] जगसंचालक की हकीकत जिसे भगवान मानते हैं... १३१ ...वह तो मिकेनिकल... १३२