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________________ आप्तवाणी - ३ नहीं है। सामनेवाले का अभिप्राय हमें लेना है । हम तो सबके अभिप्राय लेकर 'ज्ञानी' हुए हैं। मैं मेरा अभिप्राय किसी पर थोपने जाऊँ तो मैं ही कच्चा पड़ जाऊँगा। अपने अभिप्राय से किसीको दुःख नहीं होना चाहिए । तेरे रिवोल्युशन अठारह सौ हों और सामनेवाले के छह सौ हों, और तू तेरा अभिप्राय उस पर थोपने जाए तो सामनेवाले का इंजन टूट जाएगा । उसके सभी गियर बदलने पड़ेंगे। २३१ प्रश्नकर्ता : रिवॉल्युशन मतलब क्या ? दादाश्री : यह विचारों की जो स्पीड है, वह हर एक की अलग होती है। कुछ हुआ हो तब वह एक मिनट में तो कितना ही दिखा देता है, उसके सभी पर्याय एट - ए - टाइम दिखा देता है। ये बड़े-बड़े प्रेसिडेन्टों को मिनट के बारह सौ - बारह सौ रिवॉल्युशन्स घूमते हैं। तब हमारे पाँच हज़ार होते हैं। महावीर के लाख रिवॉल्युशन्स घूमते थे । I यह मतभेद पड़ने का कारण क्या है? आपकी वाइफ के सौ रिवॉल्युशन्स हों और आपके पाँच सौ रिवॉल्युशन्स हों और आपको बीच में काउन्टरपुली डालना नहीं आता इसलिए चिनगारियाँ उड़ती हैं, झगड़े होते हैं। अरे! कईं बार तो इंजन भी टूट जाता है। रिवॉल्युशन समझे आप? अगर मज़दूर से आप बात करो तो आपकी बात उसे पहुँचेगी नहीं। उसके रिवॉल्युशन पचास होते हैं और आपके पाँच सौ होते हैं, किसी के हज़ार होते हैं, किसी के बारह सौ होते हैं । जैसा जिसका डेवेलपमेन्ट हो उस अनुसार रिवॉल्युशन्स होते हैं । बीच में काउन्टरपुली डालो तभी उसे आपकी बात पहुँचेगी। काउन्टरपुली मतलब आपको बीच में पट्टा डालकर अपने रिवॉल्युशन्स कम कर देने पड़ेंगे। मैं हरएक व्यक्ति के साथ काउन्टरपुली डाल देता हूँ। सिर्फ अहंकार निकाल देने से काम हो जाएगा ऐसा नहीं है, काउन्टरपुली भी हरएक के साथ डालनी पड़ती है। इसीलिए तो हमारा किसी के साथ मतभेद ही नहीं होता न ! हम समझते हैं कि इस व्यक्ति के इतने ही रिवॉल्युशन्स हैं। इसलिए उस अनुसार मैं काउन्टरपुली लगा देता हूँ। हमें तो छोटे बच्चों के साथ भी बहुत रास आता है। क्योंकि हम उनके साथ चालीस रिवॉल्युशन्स कर देते हैं इसलिए उसे मेरी बात पहुँचती है, नहीं तो वह मशीन टूट जाए ।
SR No.030015
Book TitleAptavani Shreni 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year2012
Total Pages332
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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