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आप्तवाणी-३
आपको तो जो हुआ वही करेक्ट कहना चाहिए। जो भुगते उसीकी भूल है। हुआ वही करेक्ट कहकर चलो तो हल आएगा। भगवान ने कहा, 'तू सुधर तो तेरी हाज़िरी से सब सुधरेगा ।'
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छोटे बेटे-बेटियों को समझाना चाहिए कि सुबह नहा-धोकर सूर्यपूजा करें और रोज़ संक्षेप में बोलें कि मुझे तथा जगत् को सद्बुद्धि दो, जगत् का कल्याण करो। इतना ही बोलेंगे तो उन्हें संस्कार मिले हैं, ऐसा कहा जाएगा और माँ-बाप का कर्मबंधन छूट जाएगा। यह तो सब अनिवार्य है। माँ-बाप ने पाँच हज़ार का उधार लेकर बेटे को पढ़ाया हो, फिर भी किसी दिन बेटा उद्दंडता करे तो बोलकर बताना नहीं चाहिए कि 'हमने तुझे पढ़ाया।' वह तो आप ड्यूटी बाउन्ड थे, फ़र्ज़ था। फ़र्ज़ था, वह किया । आपको अपना फ़र्ज़ निभाना है ।