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आत्मा के बारे में प्रश्नावली
आवरण के आधार पर भिन्नता प्रश्नकर्ता : आत्मा के आधार पर देह है या देह के आधार पर आत्मा है?
दादाश्री : आत्मा होगा तो देह रहेगी।
प्रश्नकर्ता : अज्ञानी का आत्मा, ज्ञानी का आत्मा और जो मोक्ष में जा चुके हैं उनका आत्मा, इन तीनों की शक्तियों में क्या फर्क है? सिद्ध क्या कर सकते हैं? सर्वज्ञ तो जो चाहे सो कर सकते हैं।
दादाश्री : अज्ञानी का आत्मा बंधन में है ऐसा लगता है, जब कि ज्ञानी का आत्मा अबंध-बंध में होता है, किसी अपेक्षा से बंध और किसी अपेक्षा से अबंध लगता है। और सिद्ध भगवंत तो अबंध ही रहते हैं, मोक्ष में ही रहते हैं। सिद्ध भगवंत करने के लिए रहे नहीं। सिर्फ देहधारी ही जो चाहे सो कर सकता है। सिद्ध भगवंतों की शक्ति संपूर्ण विकसित हुई है, लेकिन किसी के काम नहीं आती।
प्रश्नकर्ता : स्वभाव से, गुणधर्म से एक ही है तो शक्तियों की भिन्नता किस आधार पर है?
दादाश्री : वह भिन्नता आवरण के आधार पर है। प्रश्नकर्ता : वस्तु की अवस्थाएँ कौन-सी शक्ति से बदलती हैं?
दादाश्री : कालतत्व से। जैसे-जैसे काल बदले, वैसे-वैसे अवस्था बदलती जाती है।