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________________ ४२ आप्तवाणी-२ यह चेतन आपने कहाँ देखा है? वह आप मुझे बताइए। अमूर्त को पहचाने नहीं, तब तक आप भी मूर्ति ही हैं न! यह नवकार मंत्र मूर्ति है। यह आप बोलते हैं, वह मूर्ति है, और आप भी मूर्ति हैं!' मूर्ति, वह तो परोक्ष प्रमाण है, परोक्ष भजना है। जब तक मूर्त में बसे हों, तब तक मूर्ति को भजो। जब तक अमूर्त प्राप्त नहीं हुआ, तब तक मूर्ति को जड़ नहीं कह सकते। मूर्ति को जड़ कहनेवाला वर्ल्ड में कोई पैदा ही नहीं हुआ है। सिर्फ मुस्लिम ही ऐसा कहते हैं, फिर भी वे पैगंबर साहब या दूसरी सब कब्रों को पूजते हैं। वह भी मूर्ति ही है न? कबें भी मूर्ति ही कहलाती हैं। जो-जो आँखों से दिखें, वे सब मूर्तियाँ हैं। मुस्लिम मूर्ति नहीं रखते लेकिन गोख (झरोखा, गवाक्ष) रखते हैं, तो वह भी मूर्ति ही है न! जगत् में जो सब मूर्त है, वही दिखता है, अमूर्त कुछ भी नहीं दिखता। महाराज से कहा कि, 'आपको चेतन कहाँ पर दिखता है कि इसे जड़ कहते हैं? आपको बुरा लग रहा हो तो महाराज मेरी बात बंद कर दूं।' तब महाराज ने कहा कि, 'नहीं, बुरा नहीं लग रहा है, लेकिन यह हमारा सिद्धांत हमने ऐसा रखा है न!' तब मैंने कहा, 'महाराज, आपका सिद्धांत आप रखिए, लेकिन लोगों को किसलिए ऐसा उपदेश देते हैं? आपका सिद्धांत हो तो आप स्वतंत्र प्रकार से अपने पास रखिए, लेकिन लोगों को क्यों उपदेश देते हैं? लोगों को ज़रा रास्ते पर आने दीजिए। अनंत चौबीसियाँ चली गईं, फिर भी मूर्तियाँ रखी हुई थीं पहले से ही। क्योंकि बालजीव कहाँ जाएँगे? मूर्तियाँ, वे बालजीवों के लिए हैं। जिन्हें समझ नहीं है, ऐसे बालजीवों के लिए हैं। वे ज्ञानजीवों के लिए नहीं हैं। मूर्ति से तो चित्त एकाग्र होता है। मूर्ति तो वीतराग भगवान की है और वे लोकमान्य हैं। और साथ में उन पर शासन देवताओं का ज़बरदस्त बल है। वे शासनदेव रक्षण करनेवाले हैं। उनकी तरफ उँगली उठाने जैसा नहीं है। भीतर भगवान की स्थापना की हुई है।' फिर कोई महावीर का सिर्फ नाम ही ले तो भी बहुत है क्योंकि वीतराग भगवान का नाम है। किसी इंसान का नाम ले, उससे तो भगवान का नाम ले, वह अच्छा है न? नाम के साथ, भगवान कौन हैं, कैसे हैं, वह जानना है। पहले काल की विचित्रता के कारण लोगों
SR No.030014
Book TitleAptavani Shreni 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year2014
Total Pages455
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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