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________________ उपाध्याय परमेष्ठी 167 कि सूत्ररुचि में अर्थज्ञान अपेक्षित नहीं है जबकि अभिगमरुचि में सूत्र-ग्रन्थों का अर्थज्ञान भी अपेक्षित होता है। (7) विस्ताररुचि :ज्ञान के सभी स्रोत्र-प्रमाणों और नयों के द्वारा जीव आदि द्रव्यों के समझने पर जो सम्यग्दर्शन उत्पन्न होता है, वह विस्ताररुचि कहलाता है। इस तरह विस्तार के साथजीव आदिद्रव्यों के समझने के बाद उत्पन्न होने के कारण ही इसका नाम विस्ताररुचि है। (E) क्रियारुचि:रत्नत्रयसम्बन्धी धार्मिक क्रियाओं (तप, विनय आदि) को करते रहने से जो सम्यक्त्व उत्पन्न होता है, वह क्रियारुचि है। (6) संक्षेपरुचि :अनेक प्रकार के मतवादों में न पड़कर मात्र जैन-प्रवचन में श्रद्धा करना संक्षेपरुचि है। बीजरुचि में संक्षेप से विस्तार की ओर प्रवृत्ति होती हैं जबकि संक्षेपरुचि में विस्तार नहीं होता कारण कि संक्षेपरुचिसम्यक्त्ववाला नतो भिन्न-भिन्न प्रकार के मिथ्या प्रवचनों में पड़ता है और न ही जिन-प्रवचन में पूर्ण कुशलता प्राप्त करता है। (10) धर्मरुचि : जिन-उपदिष्ट धर्म में श्रद्धा करना धर्मरुचि है। इसकी उत्पत्ति में निमित कारण धार्मिक विश्वास ही होता है। क्रियारुचि औरपर्मरुचि में मुख्य अन्तर यही है कि क्रियारुचि में धार्मिक क्रियाओं की प्रधानता है जब कि धर्मरुचि में धार्मिक-भावना की। (आ) सम्यग्ज्ञान : सम्यग्ज्ञान का अर्थ है-सत्य ज्ञान / जो मुनि जिनेन्द्रदेव के मत से जीव और अजीव के विभाग को जानता है उसे सर्वदर्शी भगवान ने यथार्थ सम्यग्ज्ञानी कहा है। यद्यपि तत्त्व नौ हैं फिर भी संक्षेप से उनका जीव और 1. दव्वाण सबभावा सबपमाणेहिं जस्स उवलद्धा। सव्वाहि नयविहीहि य वित्थाररूइ त्ति नायव्यो।। वही, 28.24 / 2. दंसण-नाण-चरित्तेतव-विणए सच्च-समिइ-गुत्तीसुजो किरियामावरूई सो खलु किरयारूई नाम।। वही, 28.25 3 अणमिग्गहिय-कुदिट्ठी संखेवरूइ त्ति होइ नायव्वो। अविसारओ पवयणे अणभिग्गहिओ य सेसेसु।। वहीं, 28.26 4. जो अतिथकायधम्मं सुयधम्मं खलु चरित्तधम्मं च। सद्दहइ जिणमिहियं सो धम्मरुह ति नायव्यो।। वही 28.27 5. जीवाजीवहित्ती जोई जाणेइ जिणवरमएणं / तं सण्णाणं भणियं अवियत्थं सव्वदरिसीहिं।।मोक्षपाहड, गा०२७
SR No.023543
Book TitleJain Darshan Me Panch Parmeshthi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJagmahendra Sinh Rana
PublisherNirmal Publications
Publication Year1995
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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