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________________ ( 122 ) 25593, वरदत्तटोंक 27503 (5 माइल), रामानंदीपादुका 24143, पत्थरचटी 24268, सहसावन 26143 (5 माइल) और हनुमानधारा 27743 फुट का इसका अन्तर समझना चाहिये / गिरनारपहाड में कदली, कदंब, कुरुबक, मालती, तमाल, ताली, आम्र, आंबरा, अरीठा, पलाश, पीपर, बडला, मातुलिंग, माधव, चन्दन, कणेर, गूलर, ऊमर, देवदारु, पनस, पाटल, अंकोल, प्लक्ष, श्रीफल, नीम, दाडिम, सीताफल, अशोक, मन्दार, अश्वत्थ, वकुल, चम्पक, तिलक, लोद्र, करोंदा. आंबली, नारंगी, हरडे, बेडा, रायण, चिरोंजी, टिम्बरु, मरडासिंगी, सागवान, सीसम आदि अनेक जाति के वृक्ष, नगवल्ली, आदि लताएँ और विविध औषधियाँ सजीवन हजारों की संख्या में स्थान स्थान पर दिखाई देती हैं। 15 गिरनारतलाटी___ ऊपरकोट-गिरनार से तीन माइल नीचे उतरने पर यह तलाटी आती है, जो एक छोटे गाँव के समान है। यहाँ जैनेतर दुकानदार, यात्री, मजूरवर्ग और सरकारी नौकर रहते हैं, जिनकी संख्या अंदाजन 300 मनुष्य की है / इसके अलावा सेठ देवचंद लखमीचंद पेढी की विशाल धर्मशाला है और उसके एक कमरे में गृहजिनालय, जिसमें आदिनाथप्रभु की दो हाथ बड़ी श्वेतवर्ण प्राचीन प्रतिमा
SR No.023536
Book TitleYatindravihar Digdarshan Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYatindravijay
PublisherSaudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
Publication Year1935
Total Pages222
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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