________________ ( 257) उसकी गादी पर शक्तिदानसिंह हुआ। उसका पुत्र कीर्तिशाली यशवन्तसिंह हुआ / उसका पुत्र लालसिंह हुआ / जिसने अपनी प्रजा को लालन पालन से ही वश की / उसके भव्य सिंहासन पर भवानीसिंह विराजमान हुए / जो दाता, दयालु, बलवान , सुशील, देवद्विजा निरत, मनस्वी, धर्मपरायण, समस्त समृद्धि से पूर्ण और भाग्यशाली हैं / जिनके शासन में सभी प्रजा नवीन अनुरागवाली हुई, वे अतुल सुख समृद्धि भोगी ठाकुर पुत्र प्रपौत्रों के साथ चिरकाल तक जयवंत रहें। . 13 मारवाडदेश का अलङ्काररत्न, भाग्यशाली जनता से शोभित, जगत्प्रख्यात, चतुरजनों से सेवित, समृद्धिशाली गुणि जनों से परिपूर्ण, और जालोर से पश्चिम पाहोर नगर है जिसको विद्वान लोग लक्ष्मी का बिलास कहते हैं। 14-15 पृथ्वी ( संसार ) में प्रसिद्ध पवित्र कीर्तिवाला जहाँ का जैन संघ मुनिवरों से शास्त्रों का श्रवण करता है, अंधर्म का त्याग करता है, स्वधर्म में प्रयत्न, अहिंसक वृत्ति से धर्मोपार्जन और विना कष्ट के सुकृत कार्यों में धन व्यय करता है। जहाँ का समृद्ध श्रीसंघ न कलह करनेवाला है, न परापवादी (निन्दक ) है / न दुष्ट स्वभाववाला और न निज स्वार्थ में गृद्धी रखनेवाला है। ... 16-18 इसी संघने भव्य और रमणीय यह जिनालय