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________________ सिद्धांतरहस्य ॥१०५॥ CHECA कर्मप्रकृति विचार ॥१०५॥ नी, अर्द्धनाराच सं० ज. पांत्रिसिया ८ भाग अने उ०१६ कोडाकोडी सानी, किलिका सं० ज. पांत्रिसिया ९भाग अने उ० १८ कोडाकोडी सानी, छेवटु सं. ज. सातिया २ भाग अने उ०२० कोडाडी सानी, संघयणनी जेम संठाणनी ज० उ० स्थिति जाणवी. सुंहालो, हलको, स्निग्ध ने उष्ण ए ४ स्पर्श, सुरभिगंध, श्वेत वर्ण अने मधुररस ए ७नी ज. सातिया १ भाग अने उ०१० कोडा० मा० नी, पीळो वर्ण ने ग्वाटो रसनी ज. अव्याविशिया ५ भाग अने उ० १२॥ कोडा० सा० नी, रातो वर्ण ने कषायेल रसनी ज. अठ्याधिशिया ६ भाग अने उ०१५ कोडा० सा० नी, नील वर्ण ने कडवा रस ने दुरभिगंधनी ज. अठ्याविशिया ७ भाग अने उ०१७॥ कोडा० मानी, कालोवर्ण ने तिग्वा रसनी ज. सातिया २ भाग अने उ०२० कोडा० सानी, गुरु, कर्कश, रुक्ष ने शील ए४ स्पर्शनी स्थिति कालावर्ण प्रमाणे. अगुरुलघु नाम, उपघात नाम, पराघात नाम ३नी पण एमज जाणवी. नरकानुपूर्वीनी स्थिति नरकगतिनी जेम जाणवी. तिर्यंचानुपूर्वीनी नियंचगति प्रमाणे. ४. मनुष्यानुपूर्वीनी मनुष्यगतिनी जेम. देवानुपूर्वीनी देवगति प्रमाणे, उच्छ्वास नाम आतप नामनी तिथंचगतिनी जेम. उद्योतनाम ते शुभ विहायोगति नामनी ज. सातिया १ भाग अने उ० १० कोडा० सानी, अशुभ विहायोगति नामनी तिर्यंचगति प्रमाणे. मनाम ने स्थावरनामनी पण एमज. सूक्ष्मनामनी ज० पांत्रिसिया भाग अने उ० १८ कोडा० सा-नी, बादर नाम ने पर्याप्त नामनी तिर्यचगतिनी जेम. अपर्याप्त नाम ने माधातारण नामनी सूक्ष्म नामनी जेम. प्रत्येक शरीर नामनी तिर्यंचगतिनी जेम. स्थिर नाम, शुभ नाम, सौभाग्य -44-45.
SR No.023509
Book TitleSiddhant Rahasya Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevchandra Upadhyay
PublisherGangji Virji Shah
Publication Year1937
Total Pages248
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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