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परिशिष्टम् । ६ वृत्तरत्नाकर टिप्पणे समुपात्तानां ग्रन्थानां ग्रन्थकर्तॄणां च नामानि ।
सं० नामानि
पृ० पं०
१ अभिनवगुप्तपादाचार्य ६१-१८.
२ अमृतवर्धन
३ अष्टाङ्गहृदय
४ उत्पलराज
५ कुमारसम्भव ६ छन्दोमञ्जरी
७ छन्दोवृत्ति
= जयदेव ९ जयवर्धन
१० जल्हण ११ ध्वन्यालोक
७०-३०.
१११-२६.
६९-१५.
६६-१०.७० - १०.७९-१४. ८०-१३. २४-२५. ३४-१५. ५९-२३, २८.६०-११, १५, २०. ६१-१३, १९,३१.६३-२१. ६६-२३, २९. ६७-१५. ७३ - २५. ७५-१२.७६-७ ८१-१२. ८२.१८. ८३-७, १५. ८४-७. ८५-१६, २४. ८६-२२. ८६-१४. ९२-२३.९३-१२. ९५-२३, ३१.९८-२६. १०० - २१, २२. १०३-२०१०७-२६. १०८-२७. १११-११, २०.
२६-२४.३१-२४. ३३-१९.३७-२२.३८ २५.३९-१६. ४० - १३, २०.४१-१८, २५.४३ - २४. ४४-२०. ४६-१३, २६.५१-१६. ५२-२३. ५६ -३०. ५७-२४. ६२-१७. ६३-१५. ६४-२७.६५- १४, २०. ६६-१२. ६७-२१.७४ - १०, २६.७६-१२,२७.८०-२८.८१-२०. ८२-१०.८४-२३. ८६-९.८७-३३.८८- २१.६०-८,१६ २४. ६४-६. ६७--१२.१०१-३३.१०२-१६ १०३-२८. १०८ - १८.१०९ - १३, २२.११०-१२.११५-१३.११८१७, ११६- १३, २७. १२०-१८.
९६-१८, २६.
७०-२५.
७०-२०.
६६-२०.