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________________ [ई] १००१) रूपियाना प्रादेशथी खेडामंडप उपर झंडु शाह गेनमल भभूतमलजी जावालवालाए चढाव्यु. ८०१) रूपियाना प्रदेशथी शणगार छत्री उपर इंदु शाह बाबुलाल मुलाजी सीरोहीवालाए चढाव्यु . १५०१ ) रूपियाना प्रादेशथो हाथी पर बेसी तीर शाह धरमचन्द रुपाजीए बांधयु. ५०१) रूपियाना प्रादेशथी भाणेंकस्थम्भ शाह धरमचन्द रुपाजीए रोप्यो. ६०१ ) रूपियाना प्रदेशथी सातमने दिवसे द्वारीद्द्घाटन शाह मगनलाल दलीचन्दजी वेलांगरीवालाए क्युं . तदुपरांत शासनसम्राट् - सूरिचक्रचक्रवर्त्ति तपागच्छाधिपति प०पू० आचार्यमहाराजाधिराज श्रीमद्विजयनेमिसूरीश्वरजी गुरुमहाराज श्रीजीनी चरणपादुका पण संघ तरफथी स्थापन करवामां आवी. स्वामिवात्सल्य-वैशाख शुद १४ मंगलवारे शाह अमीचन्द खुबाजी तरफथी थयुं . नोकारशी - जेठ (वैशाख) वद ४ सोमवारे शाह धूलचन्द हिंदुजी अने शाह नेमिचन्द गोवाजी तरफथी थई. नोकारशी - जेठ (वैशाख) वद ५ मंगलवारे शाह धूपचन्द खबाजी अने शाह डुंगरमल दानाजी तरफथी थई.
SR No.023450
Book TitleChandonushasan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaylavanyasuri, Vijaysushilsuri
PublisherGyanopasak Samiti
Publication Year1969
Total Pages460
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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