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. 'क ख ग घ ङ च छ ज झ ञ ट ठडढण त थ द ध न प फ ब भ म य र ल व श सष है' इति ३३ त्रयस्त्रिंशद् व्यञ्जनानि ॥
अनुस्वार-विसर्गयोरपि व्यञ्जनसंज्ञा ॥६॥ ___ ' अ ण न म य र ल वभिन्नं व्यञ्जनं घुत् ॥१०॥
पञ्च वर्गा:-क ख ग घ ङ' इति कवर्गः, 'च छ ज झ ञ' इति चवर्गः, 'ट ठ ड ढ ण' इति टवर्गः, 'त थ द ध न' इति तवर्गः, 'प फ ब भ में इति पवर्गः ॥११॥
क ख च छ ट ठ त थ प फ शपस इति १३ त्रयोदश अघोषाः ॥१२॥
तदन्यद् व्यञ्जनं घोषवत् ॥१३॥
'य र ल व इति ४ चत्वारोऽन्तस्थाः ॥१४॥ - अनुस्वार विसर्ग क प श ष स इति ७ सप्त शिट् ॥१५॥