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________________ द्वितीय अध्याय धर्म चरित्रों से सम्बन्धित सम्वत् भारत में कुछ सम्वतों का सम्बन्ध धर्म प्रचारकों, धर्मं प्रवर्तकों अथवा आध्यात्मिक चरित्रों जिन्हें भगवान मान लिया गया है, के जीवन की घटनाओं से है । इनमें जन्म, ज्ञान प्राप्ति अथवा मोक्ष प्राप्ति की घटना से आरम्भ होने वाले सम्वत् हैं । प्रस्तुत अध्याय में ऐसे ही सम्वतों का उल्लेख हुआ है । इस अध्याय में वर्णित सम्वत् इसाई व हिज्री ऐसे हैं जिनकी उत्पत्ति भारत से बाहर विदेश में हुई परन्तु उनके अनुयायियों द्वारा भारत में शासन किया गया तथा उनके द्वारा इन संवतों का प्रयोग भारत के प्रशासनिक कार्यों में कई शताब्दियों तक किया गया । आज भी धार्मिक व दैनिक व्यवहार के कार्यों के लिए इन संवतों का प्रयोग हो रहा है, साथ ही इन संवतों का प्रयोग भारतीय इतिहास के पुर्न-लेखन के लिए भी हुआ है । अत: भारतीय संवतों का उल्लेख करते समय इन्हें छोड़ा नहीं जा सकता । भारत में अपने निरन्तर प्रचलन के कारण इनकी गिनती भी अब भारतीय संवतों में ही की जाने लगी है । इस अध्याय में वर्णित इसाई, हिज्री, बहाई व महर्षि दयानन्दाब्द संवत् यद्यपि तिथिक्रम के आधार पर काफी बाद के हैं तथा इनसे पहले आरम्भ हुये संवतों का उल्लेख तृतीय अध्याय में हुआ है परन्तु इनका आरम्भ धर्म प्रवर्तकों से जुड़ा होने के कारण उन्हें इसी अध्याय में देना अनिवार्य हो गया । अतः तिथिक्रम को नजरअन्दाज करते हुए इन संवतों का उल्लेख इसी अध्याय में किया गया है । यद्यपि बुद्ध व महावीर ऐतिहासिक चरित्र ही हैं क्योंकि उनके जन्म, मरण तथा जीवन की अन्य घटनाओं के विषय में पर्याप्त प्रमाणिक साक्ष्य उपलब्ध हैं । उनकी तिथि निर्धारण के साथ ही अनेक घटनाओं व राजवंशों का तिथिक्रम प्राप्त होता है तथा इन महात्माओं की शिक्षाओं ने राजनैतिक, सामाजिक व धार्मिक इतिहास को प्रभावित किया है तथापि उनके साथ एक धर्म विशेष का नाम जुड़ा है। एक सामाजिक वर्ग द्वारा उन्हें भगवान के रूप में माना जाता है अतः इन दोनों सम्वतों को इसी धार्मिक चरित्रों से सम्बन्धित अध्याय में रखा
SR No.023417
Book TitleBharatiya Samvato Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAparna Sharma
PublisherS S Publishers
Publication Year1994
Total Pages270
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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