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________________ -काल गणना का संक्षिप्त इतिहास, इकाईयां व विभिन्न चक्र १००० चतुर्युग १०० चतुर्युंग दूसरी पद्धति इस प्रकार है' : ६० प्रतिपल ६० विपल ६० पल २ घाटी १/४ निमेष २ तुट २ लव -५ निमेष ३० काष्ठा ४० कला २ नाड़िका १५ मुहूर्त - = = = पाराशर संहिता, कश्यप संहिता, भृगु संहिता, मय संहिता, पालकाव्य महापाठ, सूर्य सिद्धान्त, वायु पुराण, भगवत् पुराण, द्विव्यावदान, समरांगण सूत्रधार, कौटिल्य अर्थशास्त्र, सुश्रुत व विष्णु धर्मोत्तर आदि ग्रन्थों में भारतीय काल मान का उल्लेख मिलता है । = कौटिल्य अर्थशास्त्र व सुश्रुत के अनुसार समय के विभाग इस प्रकार है : कौटिल्य सुश्रुत १ तुट १ लव १ निमेष = १ काष्ठा = १ कला = = = = 1 १५ ब्रह्मा का एक दिन (ब्रह्मा की आयु १०० वर्ष मानी गयी है) १४ मनु १ टिपल पल ( विनाडिका) १ घाटी, नाड़िका या दण्ड १ मुहूर्त १ नाड़िका १ मुहूर्त १ अहोरात्र १ लघु अक्षर उच्चारण १५ निमेष ३० काष्ठा २० कला ३० मुहूर्त १५ अहोरात्र २ पक्ष १ निमेष १ काष्ठा = १ कला १ मुहूर्त १ अहोरात्र १ पक्ष १ मास = = - = = == १. (अ) डॉ० डी० एस० त्रिवेद, 'इण्डियन क्रोनोलोजी', बम्बई, १९६३, पृ० १ (ब) इस गणना के सम्बन्ध में पंडित भगवद्दत्त का विचार है कि आधुनिक यूरोप में एक घण्टे का ६० मिनट और १ मिनट का ६० सैकिंड विभाजन इसी के अनुकरण पर है । पं० भगवद्दत्त, ‘भारत वर्ष का वृहद इतिहास', नई दिल्ली १९५०, पृ० १५३ २. सैमुअल बैल ने भी इसी प्रकार से समय की इकाईयों का उल्लेख किया है : क्षण, तत्क्षण, लव, मुहूर्त कला आदि । सैमुअल बैल, 'बुद्धिस्ट रिकार्ड्स ऑफ द वेस्टर्न वर्ल्ड', दिल्ली १६६६, पृ० ७१
SR No.023417
Book TitleBharatiya Samvato Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAparna Sharma
PublisherS S Publishers
Publication Year1994
Total Pages270
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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