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________________ विभिन्न सम्वतों का पारस्परिक सम्बन्ध व वर्तमान अवस्था १७७ फसली, इलाही, शाहर व वर्तमान राष्ट्रीय पंचांग के लिए सौर वर्ष को ही अपनाया गया। ईसाई संवत् भी इसी पद्धति पर आधारित है । वर्तमान समय में अधिकांश भारतीय धार्मिक पंचांगों के लिए चन्द्रसौर की मिश्रित पद्धति को अपनाया जाता है । यह गणना की विस्तृत पद्धति है। इसमें वर्ष सूर्य के अनुसार जबकि मास चन्द्र गति से नियंत्रित होते हैं। प्रत्येक तीसरे वर्ष लौंद का वर्ष होता है । इसमें वर्ष का मारम्भ चैत्र माह के बीच से होता है । "उत्तर में चन्द्रसौर वर्ष का आरम्भ चैत्र शुदि प्रथम अर्थात् नये चन्द्र से आरम्भ होता है । हिन्दू वर्ष में यह विचित्र नियमविरुद्धता पायी जाती है कि माह के बीच से बर्ष का आरम्भ होता है । चैत्र का प्रथम अर्द्ध भाग अर्थात् बदि अथवा कृष्ण पक्ष तो गुजरे हुए वर्ष में आता है, माह के अंतिम १५ दिन नये वर्ष में गिने जाते हैं जिन्हें शुदि अथवा शुक्ल पक्ष कहा जाता है।"' (यह प्रथा अब भी विद्यमान है) कुछ पंचांगों का परिचय वर्तमान समय में देश के अनेक स्थानों पर हिन्दू धर्म पंचांग छपते हैं जिनमें चन्द्रमौर की मिश्रित पद्धति का प्रयोग होता है। इसके साथ ही इन पंचांगों पर और बहुत सी बातों का अंकन रहता है । इस सन्दर्भ में कुछ पंचांगों का उल्लेख यहां करना आवश्यक है। हिन्दू गणना पद्धति में पंचांग निर्माण के लिए मुख्य रूप से शक व विक्रम संवतों को अपनाया हुआ है। इसके अतिरिक्त कलि, सष्टि आदि संवतों का भी उल्लेख रहता है । कहीं-कहीं पंचांगों में हिजरी, ईसाई व हिन्दू तिथियों को एक दूसरे के साथ तालमेल बिठाकर साथ-साथ दर्शाया जाता है। हिन्दू पंचांगों में क्षेत्रीय प्रभाव तथा क्षेत्रीय संवतों व समय का भी उल्लेख रहता है । अलगअलग प्रान्तों से अनेक पंचांग विभिन्न गणितकर्ताओं द्वारा निकाले जाते हैं जिनका आधार अनेक वेधशालाओं में एकत्र किये गये नक्षत्रीय आंकड़े होते हैं। इस सम्बन्ध में सर्वप्रथम बनारस से निकलने वाले पंचांगों का उल्लेख इस प्रकार है। ये उत्तरी भारत में अधिक प्रचलित है। प्रथम मालवीय जी का पंचांग है। इसका सूत्रपात पं. मदन मोहनमालवीय ने किया था। इसका गणित बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के विद्यार्थी करते हैं तथा वहीं से यह निकलता है । बनारस १. एलेग्जेण्डर कनिंघम, “एक बुक ऑफ इण्डियन एराज", वाराणसी, १६७६, प० ६१ ।
SR No.023417
Book TitleBharatiya Samvato Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAparna Sharma
PublisherS S Publishers
Publication Year1994
Total Pages270
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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