SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 459
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ गावी स्त्री. (गो) गाय. गिरि पुं. (गिरि) पर्वत. गिह न. (गृह) ६२. गिहासत्त वि. (गृहासक्त) घरमा खासत गीयत्थ - ट्ठ पुं. ( गीतार्थ ) સામાચારી જાણનાર સાધુ. गुंजिअ वि. ( गुञ्जित) गागागागार. गुण पुं. ( गुण) गुग. गुणट्ठाण न. ( गुणस्थान) गुगोनुं સ્થાન, મિથ્યાદષ્ટિ આદિ ચૌદ ગુણસ્થાન. गुणि वि. ( गुणिन् ) गुणवाणो. गुरु पुं. (गुरु) गुरु, वडील. गुरुअ गरुअ" } वि. ( गुरुक) भोटं, धायूं, लारे. गुरुया स्त्री. (गुरुता) भोटार्ध. गेह न. (गेह) २. गोणो पुं. (गो) जजह गोयम पुं. (गौतम) श्री महावीर સ્વામિના પહેલા ગણધર. गोवाल पुं. (गोपाल) गोवाद गोविसाण न. (गोविषाण ) गायनुं शींगडुं. घ घड पुं. (घट) घडो. घण पुं. (घन ) मेध, वाहन. ४२० घय न. (घृत) धी घर न. (गृह) ६२. च च, य, अ } अ. (च) खने. चइत्त पुं. (चैत्र) चैत्रमास. चउगइभवे (चतुर्गतिभवे) भार ગતિરૂપ સંસારમાં. चंपअ पुं. (चम्पक) अंधानुं श्राड. चंद, चंद्र पुं. (चन्द्र) यन्द्र. चंदण न. ( चन्दन) यन्हन. चक्खु पुं. न. (चक्षुष्) खांज, नेत्र चक्कवट्टि पुं. (चक्रवर्तिन् ) शावर्ती છ ખંડનો અધિપતિ. चक्कवाय पुं. (चक्रवाक) पक्षि विशेष, चच्चर न. ( चत्वर) यौटुं जर. चत्तारि प्र. द्वि. ब. ( चत्वारि ) या२. चरम, चरिम वि. (चरम) छेल्सुं. चरण न. (चरण) यारित्र चरणधण न. ( चरणधन) यारित्र, ચારિત્રરૂપી ધન. चरित्त न. (चरित्र) यरित्र, खयरम चरित न. ( चारित्र) संयम. चारित } व्रत, विरति, सद्दवृत्ति चलण पुं. (चरण) पा६, पण. चवल वि. (चपल) यंथल, अस्थिर
SR No.023394
Book TitlePrakrit Vigyan Pathmala Margdarshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSomchandravijay Gani
PublisherSurendranagar Jain SMP Tapagachha Sangh
Publication Year1991
Total Pages496
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy