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कचन
अनेकवचन प्रथमा माला (१.. ३६.) मालाउ (१. ३२.) माल (१. २२.)
मालउ (१. ४०.) द्वितीया [माला माल (१. ५६.) मालाउ (२. १४४.) .
मालउ (३. ११) तृतीया मालाइ (१. २३.) [मालाहिं] मालहिं (४.२१८.)
मालइ (३.१९४.) मालाए (१.८१.)
मालए (१.६५.) मालहे (२.८३.) पंचमी [मालहे-मालाहे] [ मालाहु-मालहु] चतुर्थी-पष्ठी मालहे (२. २४.) मालहं (३. ७७.)
मालहे (२.१३७.) मालहि (२.७३.) ।
मालहिं (३.११०.) मालहो (३.१९५.) सप्तमी मालहे (३. ११४.) । [मालहि-मालाहिं]
... मालए (४. १९१.) संबोधन माल (२. ५२.)
[मालउ-मालाउ] ६ ५२. ईकारान्त स्त्रीलिंगी नामनां रूपः
केटलांक स्त्रीलिंगी आकारान्त नामनो अन्त्य आ इस्वित करवामां आवे छे ते आपणे जोयु. ($ ५१.) आवां नामोने अन्ते ई कोइवार लगाडवामां आवे छे. दा. त. बाली (१. २२.) णिसि (१. २.) वसुंधरी (२. १४.) परमेसरी (२. ७१.) इ० विशेषणनां स्त्रीलिंगी रूप पण ई लगाडीने करवामां आवे छे. दा. त. जुओं उद्धरण २. कडवक ३. स्रोलिंगी इकारान्त नामनां रूपो ईकारान्त, स्त्रीलिंगी नामनां रूपथी जुदा नथो. ऊकारान्त स्त्रीलिंगी नाम आमेय संस्कृतमां तो ओछी छे ज; प्रस्तुत ग्रंधमां वह (१.४६.) अने वहूहि (२.१४०) ए. वे रूपोज वपरायकां छे. नाकारान्त स्त्रीलिंगो नामनां रूप जेवांज ईकारान्त नामनां रूप छे.