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પુણ્ય-પાપની ચતુગી
1. पुण्यानुबंधी पुण्य
राजा श्रेणिक व शालिभद्रा
शालिभर दीक्षा हेतु प्र
मास खमण के तपस्वी मुनि को ग्वाले द्वारा
खीर का दान
ने को वहोराये लड्डू को मांगने पर ने द्वारा विसर्जन
म2. पापानुबंधी पुण्य
S7 मम्मण सेठ द्वारा
काली मजरी
मम्मण सेठ चोले की लूखी का भोजन करता है।
3. पुण्यानुबंधी पाप
रोहिणेय चोर की दीक्षा
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വര വരര
रोहिणेय चोर को भगवान का वचन सुनाई देता है
सौकरिक कसाई नित्य भैसों का वध करता था।
पाचानुबंधी पाप
कुएँ में भी कीचड से बनाये | भैंसो का वध करता है