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________________ (सिरि भूवलय) शक का उल्लेख ही नहीं होता है । परन्तु जे. पी. जैन के कहेनुसार कार्तिक शुद्ध १३ सन् ७८० में अक्टूबर ८ होगा ही नहीं अक्टूबर १६ सोमवार होगा फिर भी ग्रह गति ठीक नहीं बैठेगी वीरसेन के कहेनुसार कुंभ में राहु, कोण (शनि?) तुला में, रवि कुल में गुरु, वरणवुत्त (कुज?) धनुष में, शुक्र सिंह में, चंद्र मीन में रहे होंगें । तुला मास कार्तिक शु १३ में चंद्र रेवती में हो सकता है। सन् ७८० अक्टूबर १९ सोमवार रवि १९३° तुला चंद्र ३५६० मीन बुध १७२० कन्या कुज २३६० धनु गुरु १०६० कटक शुक्र १९१° तुला शनि २४१० धनु राहु ३५०० मीन केतु १७०० कन्या सन् ८१६ अक्टूबर ८ बुधवार रवि १९४° तुला चंद्र ३१६० मीन २०८° तुला २६५° धनु गुरु ११९० कटक शुक्र १४८° सिंह शनि ३१५° कुंभ राहु ३२५० कुंभ केतु १४५° सिंह ३५०० राश सन् ८१६ सन् ८१६ ल र ल र 96 -447
SR No.023254
Book TitleSiri Bhuvalay Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSwarna Jyoti
PublisherPustak Shakti Prakashan
Publication Year2007
Total Pages504
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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