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________________ परमात्म चरण भूवलय शिवनव शाश्वत निर्मल नित्यनु । भववनेल्लव केडिसुव ह रिद्धियाशेय होद्ददिरुव चिन्मयनु । शुद्धत्ववेल्लवह श्* री वीतरागनु निरामयनु निर्माहियु । कातरविनतिल्लदिह ।। ख्यात तानु तन्नन्दव पडेव कार्यदोळि । आनन्द शाश्वत सुख म★ । तानु तन्निन्दले तनगागि पोन्दव । तानल्लदन्यरिगरिया ।। अविरल सुखसिद्धियवने महादेव । अवनादि मन्गल् भद्र ॥ बुद्धिर्धियाचार्य पाठक साधुवु । शुद्ध सम्यक्त्वदसार री* तियोळु बाळुव भव्यर्गाश्रय । फूत पुण्यनु शुभ सौख्य रौष तोषगळिल्ल क्रोध मोहगळिल्ल । आशेयनन्तानुबन्ध | प★ असरिसलेडेयिल्लदवननुभवकाव्य । श्रीशन सिद्ध भूवलय 118911 ॥५०॥ ॥५३॥ ॥५६॥ ॥५९॥ ॥६२॥ ॥६५॥ अवरव् यबाध गुणरु सवियनन्द जाञान धररु अवरनागत सुखधररु अवरु शाश्वतरु चिन्मयरु सिरि भूवलय ॥७५॥ 119211 ॥८१॥ घासि अप्रत्याख्यान रोषद सूक्ष्म सम्ज्वलन लेसिनिम् भावदोळ्मेरेये घासिय माडुतबहुदु आशय भेद विज्ञान श्रीशनन्दोळु योगदलि राशीय सिद्ध भूवलय श्रीशनाडिद दिव्यवाण मासुत प्रत्याख्यान आशाजलद सम्ज्वलन राशी कषाय भेदगळ मासदे बन्दु सेरुवदु माषद काळिनन्तात्म आ सिद्धालयद अनन्त इदरोळगिरुव षड्द्रव्यगळेल्लव |हुदुगिकोन्डिह पर* म ॥ पदप्राप्त जीवने पन्चास्तिकायदे । अदु मत्ते एाळु तत्वगळ न्वपदार्थगळेम्ब अवसर वस्तुव । नवयवदोळु तुम्बि म* रळि ।। अवनेल्लवनोम्दकूडिसी तिळियुव । अवुगळ लेक्कवे जीव दरुशन ज्ञानचारित्रव वशगोन्डु । सरमाले इवनेल्ल मुरु गु★ । सरद अम्बत् एाळु ऐदारु कूडलु । बरुवद्दिप्पत् एाळरन्क भूवलयद सिद्धान्तइप्पत्ळु । तावेल्लवनु होन्दिसिरु* व ।। श्रीवीरवाणियोऴ् बह 'ई' मन्गल काव्य । ई विश्वदूव लोकदली दिवगळग्रद तुत्त तुदियली बेळगुव । शिवलोक सलुव मान व् * अरु ।। धवल छत्राकारदग्रदगुरुलघु । सवियात्म गुणदोळगिहरु ॥७२॥ नवनवोदित सूक्ष्म घनरु 119311 अवरवगाहदोळिहरु ॥७६॥ ॥७९॥ ॥८२॥ नव सम्यक्त्व दरशनरु अवरतीतद ज्ञानधररु अवरावागलु नित्यर् 118211 ॥५१॥ 254 राशी कषायगळळिगुम् लेसिन जलरेखेयन्ते तासु तासिनोळगनन्त लेसिन जलरेखेयन्ते राशीमाळ्पुदु तुषगळनु श्री सिद्धालयवे अल्लिहुदु 114811 ॥५७॥ ||६०|| ॥६३॥ ॥६६॥ अवरनन्तानन्त बलरु सवि रूपिनशरीर घनरु अवर सुखवु बेकेन्देनुव ॥४१॥ ॥४२॥ 118311 118811 ।। ४५ ।। 118811 ॥४९॥ ॥५२॥ ॥५५॥ ॥५८॥ ॥६९॥ ॥६४॥ ॥६७॥ ॥६८॥ ॥६९॥ 119011 ॥७१॥ 119811 119911 112011 ॥८३॥
SR No.023254
Book TitleSiri Bhuvalay Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSwarna Jyoti
PublisherPustak Shakti Prakashan
Publication Year2007
Total Pages504
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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