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अन्वयः - (हे) फफ ! फ ! [हे कमनीयप्रासादवन् ! देव !] (त्वम्) विमलम्
[निर्मलम्] फफफम् [कोपकृशानुकम्पाकम्] फफफम् [लाभतरो: सर्जने बीजसमानम्] फम् [हितम्] फफम् [न्यायनिरूपकम्] फफम् [मधुरध्वनिम्] फफफम् [लोभलोहानलम्] फफम् [ज्ञानवारिधिम् फफफम् [चक्रवर्तिमाहेन्द्रज्ञानदायकम्] फम् [सर्वरोगनाशकम्] फम् [विजयप्रदम्] विमलम् [श्रीविमलनाथस्वामिनम्] नुहि [स्तुष्व] ।
जिनेन्द्रस्तोत्रम्