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________________ विषय. पृष्ठ. . विषय. दर्भासन-स्थापन, दर्भासन उपवेशन, आकर्षण, स्तंभन और उच्चाटन मंत्र. १४१ मौनधारण, अंगशोधन और हस्त विद्वेषकर्म और अभिचारकर्म मंत्र - १४२ प्रक्षालनमंत्र १२८ होमसंबंधी मंत्र और पुष्पांजलि मंत्र १४२ पूजापात्रशाद्ध, पूजाद्रव्यशुद्धि, क्षेत्रपालबलि, भूमिसम्मार्जन, .. वियागुरुपूजन, सिद्धार्चन और भूमिसेचन, दीग्निज्वालन, नाग-. सकलीकरण (शोषण ) मंत्र १२९ तर्पण, भूमिपूजा, पीठस्थापन, कर्मेन्धनदग्ध, भस्मविधूनन और श्रीपीठार्चन मंत्र और प्लावनमंत्र १३०. प्रतिमास्थापन, प्रतिमार्चन, चक्रकरन्यास, द्वितीयन्यास और त्रयार्चन, छत्रत्रयार्चन, सरस्वतीतृतीयन्यासमंत्र १३१ पूजा और रुपादुका पूजा मंत्र . १४४ दशदिशाबंध और शिखाबंध मंत्र १३२ शान शासनदेवतार्चन. उपवेशनपरमात्मध्यान और जिनश्रुतसूरि भूमिशोधन, उपवेशन, पुण्याहपूजामंत्र १३३ कलशस्थापन और जलपवित्रीकलशस्थापन, कलशार्चन, पीठारोपण, करण मंत्र पीठस्थापन, पीठप्रक्षालन, पीठदर्भ, पीठार्चन, कलशार्चन, होमद्रव्यस्थापन, श्रीकारलेखन, यंत्रार्चन, प्रतिमानयन और परमात्मध्यान, अय॑प्रदान और प्रतिमास्थापन मंत्र १३४. होमकुंडार्चन मंत्र । अर्व्यप्रदान, पाय, आव्हान-स्था अग्निस्थापन, अग्निसंधुक्षण, पना-सन्निधिकरण, पंचगुरुमुद्रा आचमन, प्राणायाम, परिबंधन धारण, पुनः पाय और जिनाचमन । १३५ और अग्निकुमारदेवपूजा मंत्र । नीराजनार्चन, दिक्पालार्चन, कल- तिथिदेवतार्चन, ग्रहपूजा, इन्द्राशोद्धरण, जलस्नपन, पंचामृतामि र्चन, दशदिक्पालपूजा, स्थालीषेक, उद्वर्तन और कोणकुंभजल पाकग्रहण, होमद्रव्याधान और स्नपन मंत्र १३६ आज्यपात्रस्थापन मंत्र १४८ गंधोदकग्रहण, अष्टद्रव्यार्चन और स्रुच् तापन-मार्जन-जलसेचन, स्रुवस्थापन जयादिदेवतार्चन मंत्र १३७ घृतोद्वासन, उत्पाचन, अवेक्षण, होमद्रव्यवियादेवतार्चन, शासनदेवतार्चन और प्रोक्षण, सर्वद्रव्यस्पर्शन, पवित्रधारण, यज्ञो इन्द्रार्चन मंत्र १३८ पवीतधारण और अग्निपर्युक्षण मंत्र १४९ यक्ष, दिक्पाल, नवग्रह और आज्याहूति, अवांतरतर्पण, क्षीरसे अग्निअनावृतदेवपूजा मंत्र १३९ पर्युक्षण और समिधाहूति मंत्र मूलमंत्र, शान्तिकर्म, पौष्टिककर्म लवंगादि-आहूति और पीठिका मंत्र १५१ और वशीकरण मंत्र १४० पूर्णाहूति मंत्र १५२
SR No.023170
Book TitleTraivarnikachar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSomsen Bhattarak, Pannalal Soni
PublisherJain Sahitya Prasarak Karyalay
Publication Year1924
Total Pages440
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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