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________________ 334 • जैन आगम : इतिहास एवं संस्कृति शीलाचार्य, 24 225-227, 229 230, 232 शुंग, 36 समाचारीशतक, 3 शूरसेन (मथुरा), 259 समुद्रगुप्त, 266, 270 शैव मत, 81 समुद्रपाल, 34 शौरसेनी, 17 समुद्र विजय (श्रावस्तीराज), 269, 280 शौरीपुर, 154 समुन्तर सुमहोत्तर, 259, 277 श्याम, 88 सम्भूत, 244 श्यामार्य, 12, 18, 21 सम्भूति, 34 श्रमणधर्म, 44 सम्यकत्व, 25 श्रावक प्रज्ञप्ति, 234 साटिका, 9 श्रावस्ती, 102, 146, 147, 270 सर्व अदतादान विरमण, 173, 177, 183 श्रीमद्भागवतपुराण, 55, 92, 210, 230 सर्व परिग्रह विरमण, 173, 179, 183 श्वेतकेतु, 238 सर्व प्राणातिपात विरमण, 173, 183 श्वेतपट, 148 सर्व मृषावाद विरमण, 173, 176, 183 श्वेतिका, 146 सर्व मैथुन विरमण, 173, 180, 183 सहदेवी, 269 सांख्यवाद, 64,74, 76 षटखण्डागम, 36, 41, 42 सांख्यायन गृहसूत्र, 163 षडूलक (रोहगुप्त) 146, 148, 170 साकेत, 270 सागरचन्द्र, 270 सागार धर्मामृत, 40, 231, 232 संक्षिप्तसार, 17 सातवाहन, 36 संखासूत्र, 299 सामंज्जफलसुत्त, 70, 72, 91, 93, 94, संजय, 34, 270, 275, 284 155 संजयबेलट्टिपुत्त, 61, 66, 69, 162 सामन्त पासादिका, 309 संयुक्तनिकाय, 252, 256, 277 सामवेद, 58, 240, 252 संवृत बकुश, 62. सामायिक, 28 संशुद्धज्ञानदर्शनधारी, 63 सामुच्छेदक, 146, 147 सकर्णजयक, 265 सायण, 51, 54, 56, 58, 93, 154, सगर (अयोध्याराज) 269 279 सत्यनेमि, 280 सावलिपत्तन, 151 सनत्कुमार, 269 सिकन्दर, 9, 266 समण ब्राह्मणसुत्त, 252 सिद्धसेनगणि, 215, 232 समदर्शी प्रभाकर, 13, 39 सिद्धार्थ, 253, 254 समन्त भद्र, 212, 214-217, 234 सिन्ध, 266, 292, 309 समवायांगसूत्र, 22, 36, 40, 42, 95, सिन्धुघाटी, 60 99, 110, 111, 170, 181, 200, सिन्धु सौवीर, 270
SR No.023137
Book TitleJain Agam Itihas Evam Sanskriti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRekha Chaturvedi
PublisherAnamika Publishers and Distributors P L
Publication Year2000
Total Pages372
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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