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________________ अर्थ-सहयोगी परिचय श्रेष्ठीवर्य समतासाधक, शासनसेवी उदारमान श्रीमती छगनीदेवी दस्साणी संस्कारित जीवन मनुष्य का अनमोल धन है। उसी अनमोल धन के खजाने को प्राप्त करने वाली तथा अपने पीहर और ससुराल अर्थात् दोनों पक्षों में विद्यमान धार्मिक और सामाजिक कुल परम्परा से अभिषिक्त और पोषित श्रीमती छगनीदेवी का जन्म उदयरामसर के सुप्रसिद्ध दानवीर स्व. श्री भैरोंदानजी सिपाणी और मातु श्री धन्नीदेवी के पुत्री रत्न के रूप में हुआ। सिपाणी परिवार की संघनिष्ठा और शासन समर्पणा चिरकाल से सराहनीय रही है। श्रीमती छगनीदेवी को इसी गौरवशाली सिपाणी परिवार के रत्न सर्वश्री सोहनलालजी सिपाणी, गोकुलचंदजी और रिद्धकरणजी सिपाणी जैसे विख्यात भाई तथा श्रीमती मोहिनीदेवी लूणिया जैसी संस्कारवान बहिन प्राप्त हुई। आपका मंगल परिणय श्री भंवरलालजी दस्साणी सुपुत्र श्री डूंगरमलजी-रतनीदेवी दस्साणी बीकानेर निवासी के साथ हुआ। दस्साणी परिवार बीकानेर के धर्मब्जी परिवारों में एक वरेण्य परिवार है। वंशानुगत सुधार्मिक दस्साणी परिवार के कार्य विस्तार के साथ श्रीमती छगनीदेवी अपने पति के साथ कोलकाता पधारी। कोलकाता के सामाजिक, धार्मिक, व्यावसायिक जीवन में प्रतिष्ठित दस्साणी परिवार की कुलवधू के रूप में श्रीमती छगनीदेवी दान और समाज सेवा के क्षेत्र में सकल समाज की श्रद्धाभाजन बनी। श्रीमती छगनीदेवी गृहस्थ के कर्तव्यों का सुचारू रूप से पालन करते हुए भी साधु-साध्वी की सेवा में अग्रणी रहती थी। हुक्मसंघ के आचार्यों के प्रति आपकी श्रद्धा, आस्था और अटूट निष्ठा है। आप चातुर्मासिक धर्मलाभ प्राप्त करने को भी सदैव तत्पर रहती थीं। सामायिक, संवर और स्वाध्याय में निरत श्रीमती छगनीदेवी नित्य चौविहार, नौ-दास सामायिक, प्रतिक्रमण, जमीकंद त्याग आदि में मगन रहती थीं। आपने उपवास, बेला, तेला, चौला, पंचौला, अठाईयाँ और पन्द्रह उपवास सहित अनेक तपस्याएँ की। स्वधर्मी सहायता और गुप्तदान करना आपका स्वभाव था। श्रीमती छगनीदेवी के धर्मसहायक श्री भंवरलालजी दस्साणी भी हर मोड़ पर आपका धर्ममय सहयोग करते रहे। आपके धर्मनिष्ठ परिवार में आपकी ननद सरिता दस्साणी ने रतलाम में आयोजित 25 भागवती दीक्षा
SR No.023135
Book TitleBhagwati Sutra Vyakhyan Part 03 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJawaharlal Aacharya
PublisherJawahar Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages290
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size19 MB
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