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________________ पुस्तक की विशेषताएं • पाठमाला जो प्राकृत वाक्य हैं, उनका संस्कृत और गुजराती अनुवाद एवं गुजराती वाक्यों का प्राकृत और संस्कृत अनुवाद किया है, जिससे विद्यार्थियों को सुगमता रहेगी । • 'पाठमाला' के पीछे परिशिष्ट में जो 'गद्य-पद्यमाला' दी है, जो-जो गाथाएं दी हैं, उनकी भी संस्कृत व प्राकृत छाया दी है । प्राकृत शब्दकोष और धातु कोष भी परिशिष्ट में संग्रहित किए है । पूज्यों का उपकार संयम जीवन में जिस शुभ कार्य का प्रारंभ करते है, उसमें मेरे जीवन के प्राणसमा परम कृपालु पूज्यपाद दादा गुरुदेवश्री की पूर्ण कृपा साथ में ही होती है परंतु उन्ही के ग्रंथ का संपादन करना हो तो उनकी कृपा विशेष हो, यह स्वाभाविक है । जिन शासन के नभो मंडल में सूर्य-चंद्र की तरह प्रकाशमान बंधु युगल दीर्घदृष्टा परमोपकारी परम पूज्य आचार्यश्री चन्द्रोदयसूरीश्वरजी महाराज साहब तथा भवोदधि तारक, समता के भंडार पूज्यपाद गुरुदेव आचार्य श्रीमद् विजय अशोकचन्द्रसूरीश्वरजी महाराज साहब की अंतर की भावना थी कि पूज्य श्रीमान् धर्मराजा गुरुदेव श्री के प्रत्येक ग्रंथ सरल बने और अभ्यासी उसका ज्यादा उपयोग करे, इस प्रकार प्रयत्नशील रहे, अतः उन दोनों पूज्यों के मंगल आशीर्वाद पूर्वक का प्रेरणास्त्रोत ही इस संपादन में निमित्त बना है । प्राकृत भाषा के अभ्यासियों के लिए यह 'मार्गदर्शिका' खूब सहायक बनेगी, इसके साथ ही इसमें संकलित कई गाथाएं, श्लोक एवं कथाओं के अंश भी जीवन में उपयोगी बन सकते हैं, अतः उसका पठन पठन कर प्राकृत के अनुरागी बनकर अपना जीवन सफल बनाए, इसी शुभेच्छा के साथ ! २०४७ वि. सं. आसो पूर्णिमा बरवाला (गुज.) परम पूज्य आचार्य श्रीमद् विजय चंद्रोदयसूरीश्वरजी म. के गुरुबंधु परम पूज्य आचार्यदेव श्रीमद् विजय अशोकचंद्रसूरीश्वरजी म.सा. के चरणरेणु पं. सोमचन्द्रविजय गणि (वर्तमान में प.पू. आचार्यदेव श्रीमद् विजय सोमचंद्रसूरीश्वरजी म. सा. )
SR No.023126
Book TitleAao Prakrit Sikhe Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaysomchandrasuri, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2013
Total Pages258
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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