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________________ . | 6 | - ल o पाठ -7 प्राकृत वाक्यों का संस्कृत एवं हिन्दी अनुवाद क्र. प्राकृत . संस्कृत हिन्दी 1. | देवा वि तं नमसंति । | देवा अपि तं | देव भी उनको नमस्यन्ति । नमस्कार करते हैं। 2. | मुरुक्खो बुहं निंदइ । मूर्यो बुधं निन्दति । मूर्ख पण्डित की निन्दा करता है। देवा तित्थयरं देवास्तीर्थकरं देव तीर्थंकर को जाणिन्ति । जानन्ति । जानते हैं। 4. | समणे नयरं विहरेइ । श्रमणो नगरं साधु नगर में विहरति । विहार करते हैं। आयरियो सीसे आचार्यः शिष्यान् आचार्य शिष्यों को उवदिसइ। उपदिशति । उपदेश देते हैं। 6. | सो तं धरिसेइ । स तं धृष्णोति । वह उसके विरुद्ध होता है। | अब्भं वरिसेइ । | अभं वर्षति । बादल बरसता है। 8. | मोरो नट्टं कुणेइ। । | मयूरो नृत्यं करोति । | | मयूर नृत्य करता है। 9. | पुरिसा जिणे वंदेइरे ।| पुरुषाः जिनान् । पुरुष जिनेश्वरों को वन्दन्ते । वंदन करते हैं। 10. दाणं तवो य भूसणं । | दानं तपश्च भूषणम् । दान और तप आभूषण हैं। 11. तुम्हे पवयणं किं । यूयं प्रवचनं किं क्या तुम सिद्धान्त जाणेह ? जानीथ. ? को जानते हो ? 12. घरं धणं रक्खेइ। गृहं धनं रक्षति । घर धन का रक्षण करता है। 13. सव्वो जणो सर्वो जनः सभी लोग कल्याण कल्लाणमिच्छइ । । | कल्याणमिच्छति । की इच्छा रखते हैं। o - १९ -
SR No.023126
Book TitleAao Prakrit Sikhe Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaysomchandrasuri, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2013
Total Pages258
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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