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________________ प + आव् = पाव् ( प्र + आप ) प्राप्त आ + हर् ( आ + ह) आहार करना. उ + ड्डे (उद् + डी) उड़ना. वि + यस् (वि + कस) विकास करना. वि + लव् (वि + लप्) विलाप करना, रोना. करना. प + विश् ( प्र + विश्) प्रवेश करना. प + हर् (प्र + हृ) प्रहार करना, मारना. परा + वद्द (परा + वर्त) परिवर्तन होना, आवृत्ति करना. परि + हर् (परि + हृ) त्याग करना. वा + हर् (वि + आ + हृ) बोलना, बुलाना. वि + उव्व् (वि + कृ) बनाना. अहि + लस् (अभि + लस्) अभिलाषा करना, इच्छा करना. आ + गच्छ् (आ + गम् गच्छ्) आना. हिन्दी में अनुवाद करें 8. 9. 10. ते परावट्टिरे । 11. ते विउव्वेन्ति । 1. अम्हे विणिण अहिलसेज्जा । 2. सो निहवेइ । 3. ते दो वाहरेज्ज । 4. हं पविसेज्जा । 5. अम्हे परावट्टिमो । 6. तुज्झे वेण्णि अइयरेह । 7. तुं अणुजासि । प्राकृत 1. हम आनन्द करते हैं । 2. तुम मिलते हो | 3. तुम दो बुलाते हो । 4. तुम प्रवेश करते हो । 5. तू अभ्यास करता है । 6. हम बनाते हैं। 7. वह आवृत्ति करता है । 8. वे दो आज्ञा करते हैं । 9. तुम प्राप्त करते हो । (वि + लस् (वि + लस् ) विलास करंना, मौज करना. वि + हर (वि + हृ) विहार करना, आनंद करना. सं + गच्छ् (सं + गम् गच्छ) मिलना, प्राप्त करना. सं + हर (सं + हृ) संहार करना. में 12. हं पावेज्ज । 13. ते बे वियसेज्ज । 14. तुज्झे अणुसरेह । करें अनुवाद तुम्हे दुण्णि निगच्छेइत्था तुम्हे दोणि विलसेह । 10. तुम छिपाते हो । 11. वे दो अतिचार लगाते हैं । 12. तुम अभिलाषा करते हो । 13. वे आते हैं । 14. तू निकलता है । 15. तुम अनुसरण करते हो । 16. हम दो आज्ञा करते हैं । 17. हम मिलते हैं । ३०
SR No.023125
Book TitleAao Prakrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaykastursuri, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2013
Total Pages326
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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