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________________ हम. पाठ - 4 सर्वनाम उपयोगी युष्मद् इत्यादि सर्वनाम के तैयार रूप (३/१-५, १०६,९०, ९१, ८६, ५९) एकवचन बहुवचन प्रथम पुरुष- | हं, अहं, (अहम्) | मैं | अम्ह, अम्हे, अम्हो (वयम्) | द्वितीय पुरुष- तुं, तं, तुमं (त्वम्)| तू |तुब्भे, तुम्हे, तुज्झे (यूयम्) | तुम. तृतीय पुरुष- | स, सो (सः) |वह | ते (ते) 1. वर्तमानकाल में 'अस्' धातु का रूप सभी वचनों और सभी पुरुषों में "अत्थि" होता है। विशेष - सि प्रत्यय के साथ 'सि' रूप सिद्ध होता है तथा मि, मो, म प्रत्ययों के साथ म्हि, म्हो, म्ह रूप होते हैं । 2. अस् धातु के रूप एकवचन बहुवचन प्र. पु. म्हि, अस्थि म्हो, म्ह, अत्यि द्वि. पु. | सि, अस्थि अत्यि तृ. पु. | अत्थि अत्थि आर्ष प्राकृत में अस् धातु के रूप एकवचन. . बहुवचन प्र. पु. । मि, अंसि द्वि. पु. तृ. पु. | अत्थि संति 2. अस् धातु के संस्कृत तैयार रूपों में प्राकृत नियमानुसार परिवर्तन करके रूप बनते हैं, उदा. (३/१४६,१४७, १४८) उदा. संस्कृत | प्राकृत संस्कृत | प्राकृत अस्मि | अम्हि अस्ति । अस्थि असि असि सन्ति संति इत्यादि रूप बनते हैं । मो. | सि. १७ Bी 7
SR No.023125
Book TitleAao Prakrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaykastursuri, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2013
Total Pages326
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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