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________________ 10. बत् । (बू) बोलना. जिण् (जि) जीतना. . बुद् . थुण. (स्तु) स्तुति करना. रव (रु) शब्द करना, आवाज करना. | धुण (धू) धुजाना, हिलाना. वड्ड (वृध् - वर्ध) बढ़ना. पुण् (पू) पवित्र करना. सुमर (स्मृ - स्मर) स्मरण करना, लुण् (लू) काटना. सर् ' संभारना. | सुण् (श्रु) सुनना.. हक्क (नि + सिध) निषेध करना. हुण् (ह) होम करना. 11. चिण् (चिं) इकठ्ठा करना... 5. आर्ष में बुद् धातु के बेमि,बेइ, बिंति, बुम इत्यादि रूप होते हैं । 6. 'चि' आदि धातुओं को प्राकृत में पुरुषबोधक प्रत्ययों के पहले 'ण' लगता है । (४/२४१) उदा. चिणइ (चिनोति) कुछ स्थानों में यह 'ण' विकल्प से आता है | उदा. जणइ, जिणई (जयति) हिन्दी में अनुवाद करें आदरेइ 16. चिणए . 31. हवइ जम्मंति 17. थुणेइरे 32. बुज्झए निज्झरए 18. पुणेइ 33. रक्खेन्ति बविरे 19. सुणंति 34. लज्जन्ते वड्ढिरे 20. बुवेइ 35. हणए 6. हक्कन्ते 21. कहन्ति 36. तूसेइ जिणेह 22. जाणन्ते 37. रुसन्ते 8. धुणन्ते 23. देखेइरे 38. थुणइ 9. सरित्था 24. पीडेइ 39. रोविमो 10. लुणिरे 25. बीहए . 40. जिणसे 11. हुणन्ति 26. भणए 41. थुणित्था 12. धुणेइ . 27. वसन्ते 42. बवेमि 13. फरिसिरे 28. इच्छन्ति 43. धुणेमो 14. रवेइ 29. करिरे 44. जिणेमो 15. सुमरेन्ति 30. चिंतह 7. जिगह - १५
SR No.023125
Book TitleAao Prakrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaykastursuri, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2013
Total Pages326
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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