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________________ - गोणो (गौः) बैल, वृषभ बहुयरं (बृहत्तरं) ज्यादा बड़ा छिछि, द्धिद्धि (धिधिक) धिक्कार हो | मघोणो (मघवन्) इन्द्र छिछई (पुंश्चली) असती, कुलटा स्त्री मुबहइ (उद्धहति) वह धारण करता है। जम्मणं (जन्म) जन्म लज्जालुइणी (लज्जावती) धिरत्थु (धिगस्तु) धिक्कार हो । लज्जावाली, लज्जा पक्कलो (पक्वलः) समर्थ |विउसग्गो (व्युत्सर्गः) त्याग बइल्लो (बलीवर्दः) बैल |वोसिरणं (व्युत्सर्जनम्) त्याग करना बहिद्धा (बहिर्धा) मैथुन, कामक्रीड़ा, सक्खिणो (साक्षी) साक्षी, गवाह बहार शब्दार्थ (पुंलिंग) आसिण (आश्विन) आसो महीना नक्क (देश्य) नाक, नासिका छण (क्षण) उत्सव |निहस (निकष) कसौटी का पत्थर पहार (प्रहार) प्रहार नपुंसकलिंग अंगण (अंगन) आँगन, चौक |दीणत्तण (दीनत्व) गरीबी अवच्च (अपत्य) पुत्र | मंगल (मङ्गल) मंगल, शुभ जय । (जगत्) जगत्, दुनिया, संसार मंडल (मण्डल) गोलाकार, चक्राकार जग हेम (हेमन्) सुवर्ण, सोना विशेषण अभिभूअ (अभिभूत) पराभूत, पराजित मय 7 (मृत) मरा हुआ चवल (चपल) चंचल, अस्थिर मुअ . जिइंदिय (जितेन्द्रिय) इन्द्रियों को सह ) (सूक्ष्म) सूक्ष्म , बारीक जीतनेवाला सुण्ह ) पतला निद्दय (निर्दय) दयारहित | सुहम) अव्यय ताव । (तावत्) तब तक जाव । (यावत्) जब तक जा ता। - -१६६ ===
SR No.023125
Book TitleAao Prakrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaykastursuri, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2013
Total Pages326
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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