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________________ हसी माणो (हस्यमानः)- हँसाता दीस सन्तो सेतो दीसमाणो दीसेमाणो (दृश्यमानः) दिखाई देता - हो tic हसी माणं हस्यमा-हँसाता (हस्यमाना)- हँसाती दीसई, दीसेई दीसन्ती, दीसेन्ती |दीसन्ता, दीसेन्ता दीसन्तं दीसेन्तं दीसमाणं दीसेमाणं (दृश्यमानम्)दिखाई देता कर्तरि वर्तमानकृदन्त 7. धातु के कर्तरि अंग को पुंलिंग नपुंसकलिंग में न्त-माण प्रत्यय और स्त्रीलिंग में ई, न्ती, न्ता, माणी, माणा प्रत्यय लगाने पर कर्तरि वर्तमान कृदन्त बनता है, ये प्रत्यय लगने पर पूर्व अ का विकल्प से ए होता है । पुंलिंग नपुंसकलिंग स्त्रीलिंग उदा. हस + न्त= हसन्तो, हसेन्तो हस+माण = हसमाणो, हसेमाणो होतो हुन्तो होमाणो ( हसन्-हसमान :) हँसता हो - होअन्तो होएन्तो होअमाण होअमाणं होएमाणो होएमाणं | हसीअमाणी, हसीएमाणी हसी अमाणा, हसीएमाणा हसन्तं, हसेन्तं हसमाणं, हसेमाणं हसन्ती हँसती होअन्तं होएन्तं दीसमाणी, दीसेमाणी दीसमाणा, दीसेमाणा (दृश्यमाना)- दिखाई देती होन्तं हुन्तं होमाणं (हसत्-हसमानम्) हस+न्ता हँसता हस + ई = हसई, हसेई १४६ = होई होन्ती, हुन्ती, होन्ता, हुता होमाणी, होमाणा (भवन्-भवमानः)- होता (भवद्-भवमानम्) (भवन्ती-भवमाना) होती होता हसन्ती, = हसन्ता, हसेन्ता | हस+माणी = हसमाणी, हसेमाणी | हस+माणा = हसमाणा, हमाणा (हसन्ती-हसमाना) हसेन्ती हँसती होअई, होएई होअन्ती, होएन्ती होअन्ता, होएन्ता होअमाणी, होएमाणी होअमाणा, होएमाणा
SR No.023125
Book TitleAao Prakrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaykastursuri, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2013
Total Pages326
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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